29.7.09

जोग - जरा मुस्कुरा दें

चार शराबी दिल्ली पहुंचे वहां पर उन्होंने खूब छककर शराब पी और फिर उसके बाद शहर घूमने निकले . वहां उनकी नजर एक मंदिर पर पड़ी. उनमे से एक शराबी बोला - देखो यहाँ के लोग कितने मूर्ख है जिन्होंने मंदिर को धूप में रखा है. भगवान के घर की भी यहाँ के लोगो को परवाह नहीं है.
बाकी शराबियो ने कहा - गोली मरो यहाँ के लोगो को चलो हम सब मिलकर मंदिर को धकेलकर छाँव में ले चलते है. सब के सब बजरंग बली का नारा लगाते हुए जोर जोर से मंदिर को धकेलकर ठेलने लगे.
जब शाम हो गई तो चारो शराबियो ने अपनी अपनी पीठ ठोक ली और कहने लगे देखो हमने मंदिर को धकेलकर मंदिर को छाँव में कर ही दिया है.
कुछ लोग शराबियो की हरकतों को देख रहे थे उनमे से एक ने पूछा - आप सब लोग यह सब क्या कर रहे है.
एक शराबी ने कहा - " शर्म नहीं आती पूछते हुए की भगवान के घर को कोई इस तरह से घूप में रखते है ".
उत्तर में उस आदमी ने कहा देखते है तुम लोग कितने दिनों तक मंदिर को धूप से कैसे बचाकर रखते हो.
एक शराबी बोला - " हम तुम्हारे बाप के नौकर है जो रोज रोज मंदिर को छाँव में ले जाते फिरे.
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एक लड़का भागकर गश्त करने वाले पुलिस वाले के पास पहुँचा और बोला - जरा उस कोने में चलिए मेरे पिताजी दो घंटे से एक बदमाश से लड़ रहे है.
पुलिसवाला - तुमने पहले खब़र क्यों नहीं दी ?
लड़का - उस समय मेरे पिताजी उस बदमाश को पीट रहे थे.
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रामप्यारी ने अपने अध्यापक से कहा - "यह कहना गलत है की दो और दो मिलकर चार होते है. मिसाल के तौर पर दो पानी की बूंदों में दो पानी की बूंदे मिलाकर देखिये की चार बूंदे होती है की नहीं.
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ताऊ रामप्यारी से - मानलो तुम्हारे जेब में तीन पाई है और एक पाई जेब में और डाल दी जाए तो क्या होगा ?
रामप्यारी - मेरी जेब फट जायेगी
ताऊ - वह कैसे ?
रामप्यारी - गजब कर रहे हो मेरी जेब इतनी छोटी है की उसमे चारपाई कैसे आ सकती है.

8 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

मन्दिर धूप मे होगा तो चिंता तो लाज़मी है. बढिया हा हा

Mohinder56 ने कहा…

चुटकुला पुराना है मगर अंदाज नया है.. हा हा मजा आया

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

मज़ा आ गया.

Urmi ने कहा…

मुझे कार्टून बड़ा अच्छा लगा! बहुत बढ़िया और मज़ेदार पोस्ट!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

अजब कार्टून और गजब चुटकले. बहुत धन्यवाद. पंडि्तजी आजकल चिठ्ठी चर्चा नही कर रहे हैं?

रामराम.

vandana gupta ने कहा…

mandir wala joke sabse badhiya laga.

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

वह बिल्ली जो देख रही है - बता पाती! :)

आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' ने कहा…

मज़ेदार ज़ाएका हैं ये ,असल में मेरे जैसे लोगो ,जिनसे हँसी थोड़ी दूरी बनाकर रहती हैं ,की ज़रूरत हैं ये . महेंद्र जी तहे दी से शुक्रिया ................................