तस्वीर जबसे तेरी इस दिल में बिठाई है
हर हाल में बस तेरी सूरत दिखाई देती है
तस्वीर में जिस अदा से.. तुम हँसती हो
दिल टूट जाने के बाद क्या ऐसे ही हँसोगी
तेरी तस्वीर हाथो में लिए जब घूमता हूँ
तुझे समझ कर कहीं मै गैर को छू न दूं
तस्वीर कैसे मिटाऊ मै इस अपने दिल से
काश कागज पे होती तो फाड़ ही देता मै
यह भूल गया इस जहाँ में कोई अपना है
तेरी अश्को से.. बनी तस्वीर याद आई है
न कोई निशानी है और न कोई तस्वीर है
बस अब तेरी यादो के सहारे.. रो लेते है .
हर हाल में बस तेरी सूरत दिखाई देती है
तस्वीर में जिस अदा से.. तुम हँसती हो
दिल टूट जाने के बाद क्या ऐसे ही हँसोगी
तेरी तस्वीर हाथो में लिए जब घूमता हूँ
तुझे समझ कर कहीं मै गैर को छू न दूं
तस्वीर कैसे मिटाऊ मै इस अपने दिल से
काश कागज पे होती तो फाड़ ही देता मै
यह भूल गया इस जहाँ में कोई अपना है
तेरी अश्को से.. बनी तस्वीर याद आई है
न कोई निशानी है और न कोई तस्वीर है
बस अब तेरी यादो के सहारे.. रो लेते है .
8 टिप्पणियां:
क्या पण्डिज्जी, दिल से निकली हैं पंक्तियां।
महेन्द्र भाई। क्या बात कही है?
तस्वीर चिपकी है दिल पे तेरी इस कदर
उखाडूँ तो सताए है लिफाफा फटने का डर
तस्वीर जबसे तेरी इस दिल में बिठाई है
हर हाल में बस तेरी सूरत दिखाई देती है..
vaah ,kya lainen hain.
pyar isi ko kahate hai .....bilkul dil se nikali hai......badhaee
बहुत नायाब.
रामराम.
न कोई निशानी है और न कोई तस्वीर है
बस अब तेरी यादो के सहारे.. रो लेते है .
दिल को छू लेने वाली पंक्तियाँ
तस्वीर कैसे मिटाऊ मै इस अपने दिल से
काश कागज पे होती तो फाड़ ही देता मै
महेंद्र भाई साब ,ये तस्वीरे कम्बखत इतनी ज़ालिम क्यों होती हैं भला ......
न कोई निशानी है और न कोई तस्वीर है
बस अब तेरी यादो के सहारे.. रो लेते है
ab kya kahen..
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