8.9.09

एक न एक शमा अँधेरे में जलाए रखना

न ख़ुशी है और न कोई दर्द रुकाने वाला
हमने अपना लिया है हर रंग जमने वाला.

उन्हें रुकसत क्या किया मुझे मालूम नहीं
सारा दर्द दे गया घर छोड़ के जाने वाला.

हम आपको भूल जाए इतने बेवफा नहीं
क्या गिला करे आपसे कोई गिला नहीं.

अपने गम देते मुझे कुछ सूकून तो मिले
कितने बदनसीब है जिन्हें गम नहीं मिले.

एक न एक शमा अँधेरे में जलाए रखना
सुबह होने को है...माहौल बनाए रखना.

आज खास बात है की आज रात रौशन है
हुश्न खूब रौशन है...उजाला साथ लाया है.

मेरी सांसो की खुशबू तेरे प्यार की प्यासी है
मेरी आंखे तेरे प्यार दीदार की प्यासी है।
ooooo

13 टिप्‍पणियां:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

सुंदर रचना!

मुकेश पाण्डेय चन्दन ने कहा…

अपने गम देते मुझे कुछ सूकून तो मिले
कितने बदनसीब है जिन्हें गम नहीं मिले.
waah wah kya baat hai , badi doob kar likhi hai ye kavita apne .

ओम आर्य ने कहा…

क्या बात है जितनी भी प्रसंशा की जाये कम है.....बहुत बढिया

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

आपने तो दिल खुश कर दिया..भावनाओं के बेहद करीब..
आपके हर लफ्ज़ बेहतरीन..बधाई...

राज भाटिय़ा ने कहा…

न ख़ुशी है और न कोई दर्द रुकाने वाला
हमने अपना लिया है हर रंग जमने वाला.
वाह क्या बात है जी, बहुत सुंदर

Amit K Sagar ने कहा…

har ek she'r mashaaallaaah! bahut khoob! jaaree rahen

----

r u interested to be writer of ultateer.logspot.com; visit d site!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बेहद सुंदर रचना.

रामराम.

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर रचना है .. बहुत बहुत बधाई !!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

उन्हें रुकसत क्या किया मुझे मालूम नहीं
सारा दर्द दे गया घर छोड़ के जाने वाला.

KHOOBSOORAT GAZAL ....... HAR SHER ZEEVAN KE RANGEEN HAADSON SE JUDE HUVE HAIN ........

Mithilesh dubey ने कहा…

क्या बात है,,,बहुत सुंदर ,,,बधाई......

Urmi ने कहा…

वाह बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! रचना का हर एक शब्द दिल को छू गई! इस बेहतरीन और लाजवाब रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ !

vandana gupta ने कहा…

हर शेर बेह्तरीन्…………………लाजवाब रचना……………………बधायी।

दर्पण साह ने कहा…

wah mishr sir awesome....

"एक न एक शमा अँधेरे में जलाए रखना
सुबह होने को है...माहौल बनाए रखना."