ताऊ जी और महाताऊ श्री ने एक साथ उत्तर दिया - सर दरअसल हम दोनों का कुत्ता एकही है .
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एक कैदी - भाई शक्लें भी बहुत धोका देती है एक बार एक साहब मुझे दिलीप कुमार समझ बैठे . दूसरा कैदी - ठीक कह रहे हो एक बार एक सज्जन मुझे देखकर अटल बिहारी बाजपेई का धोका खा गए . तीसरा कैदी - अजी यह तो कुछ भी नहीं है . मै जब चौथी बार जेल गया तो जेलर सर पकड़कर बोला " हे भगवान तुम फिर आ गए . |
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अधिकारी अपने सहायक से - " मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई की तुम रेस में जीत गए हो . दफ्तर के समय तुम इतनी होशियारी दिखाया करो तो निश्चय तरक्की पा सकते हो .
सहायक - " दफ्तर के समय जीता था सर " .
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एक मित्र दूसरे मित्र से यार मेरे यह मेरे सबसे करीबी मित्र की कब्र है बेचारे के पास जो कुछ था वह सब अनाथ आश्रम को जाते जाते दान कर गया . दूसरा मित्र - धन्य है तुम्हारा मित्र वैसे अनाथ आश्रम को क्या दिया था ? पहला मित्र ने उत्तर दिया - " चार बेटे और तीन बेटियाँ " |
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भिखारी ने लडके से कहा - " बेटा एक पैसे का सवाल है " लड़का - " बाबा मै हिसाब में बहुत ही कमजोर हूँ " . .... एक यात्री - " रेलगाडियां हमेशा ही लेट चलती है तो टाइम टेबिल का क्या उपयोग है ". दूसरा यात्री - अगर रेलगाडियां समय पर चलने लगे तो इतनी लागत से बने प्रतीक्षलायो का क्या होगा . |
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एक आदमी अपने मालिक के सामने हाथ जोड़कर खडा था उसे देखकर मालिक ने कहा - क्या बात है हरिराम ?
हरिराम - हुजूर मै ठेका लेने आया हूँ .
मालिक - किस बात का ठेका लेने आये हो ?
हरिराम - हुजूर मै फूलो का ठेका लेने आया हूँ आपही ने तो कहा था की मेरी लड़की के हँसने से फूल झड़ते है .
15 टिप्पणियां:
हा हा!! मस्त हैं सारे.
ठेका, हा हा हा !
बहुत सुन्दर मजा आ गया
सब एक से बढ़कर एक... हा हा हा हा बहुत बढि़या। हल्की फुल्की पोस्टें पूरे दिन के तनाव को खत्म कर देती हैं।
धन्यवाद सर
पढ़कर लोट-पोट होने लगा।
आनंद आ गया. आभार.
बहुत खूब..मजेदार महेंद्र जी..खूब हंसाया..धन्यवाद
वाह वाह पंडितजी,
बहुत हँसाया आपने और इस चक्कर में ठस्का भी लग गया। बड़ी मुश्किल से पानी वानी पीकर ठीक हुए हा हा।
सारे अच्छे लगे .. एक से बढकर एक !!
बहुत सुंदर जी सब के सब.
धन्यवाद
बहुत लाजवाब.
रामराम.
hahahahaha.........ek se badhkar ek sher hain.
हरिराम - हुजूर मै फूलो का ठेका लेने आया हूँ आपही ने तो कहा था की मेरी लड़की के हँसने से फूल झड़ते है
माफ़ करना मिसिर जी, एक समस्या हो गयी थी, कल जबसे मैने पढा तो हंस-हंस होश गायब हो गये,आज होश आते ही टिप्पणी करने आया हुँ, ये उम्दा आईट्म है पहली धार का............... बधाई हो.
ha ha ha ha mast hai bhaaI
:)
:)
:P
:D
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