सभी ब्लॉगर भाई बहिनों के द्वारा मेरा ब्लाग लेखन में लगातार उत्साहवर्धन और निरन्तर हौसलाफजाई करते रहने से आज मुझे " निरन्तर " ब्लॉग में दो सौ वी पोस्ट पूरा करने का मौका मिला है जिसके लिए मै आप सभी का आभारी हूँ . आज की दो सौ वी पोस्ट आचार्य श्रीराम शर्मा जी को समर्पित है ..
***** सज्जनता नम्रता उदारता सेवा आदि सदगुणों की जितनी भी प्रशंसा की जाये उतनी ही कम है पर साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए की प्रखरता के बिना ये विशेषताए भी अपनी उपयोगिता खो बैठती है और लोग सज्जन को मूर्ख दब्बू चापलूस साहसहीन भोला एवं दयनीय समझने लगते है . बहुत बार ऐसा भी होता है की डरपोक कायर संकोची पुरुषार्थ हीन व्यक्ति सज्जनता का आवरण ओढ़कर अपने को उदार या अध्यात्मवादी सिद्ध करने का प्रयत्न करते है . डरपोकपन को साहसहीनता को दयालुता क्षमाशीलता संतोष वृद्धि की आड़ में छिपाना कितना उपहासास्पद होता है और उस भ्रम में रहने वाला कितने ही घाटे में रहता है . यह सर्वविदित है . लोग उसे बेतरह उगते और आयेदिन सताते है . इस स्थिति को भलमनसाहत का दंड ईश्वर की उपेक्षा धर्म की दुर्बलता दर्म की दुर्बलता आदि कहा जाता है जबकि वस्तुत वह प्रखरता की कमी के दुष्परिणाम हैं *******
***** सज्जनता नम्रता उदारता सेवा आदि सदगुणों की जितनी भी प्रशंसा की जाये उतनी ही कम है पर साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए की प्रखरता के बिना ये विशेषताए भी अपनी उपयोगिता खो बैठती है और लोग सज्जन को मूर्ख दब्बू चापलूस साहसहीन भोला एवं दयनीय समझने लगते है . बहुत बार ऐसा भी होता है की डरपोक कायर संकोची पुरुषार्थ हीन व्यक्ति सज्जनता का आवरण ओढ़कर अपने को उदार या अध्यात्मवादी सिद्ध करने का प्रयत्न करते है . डरपोकपन को साहसहीनता को दयालुता क्षमाशीलता संतोष वृद्धि की आड़ में छिपाना कितना उपहासास्पद होता है और उस भ्रम में रहने वाला कितने ही घाटे में रहता है . यह सर्वविदित है . लोग उसे बेतरह उगते और आयेदिन सताते है . इस स्थिति को भलमनसाहत का दंड ईश्वर की उपेक्षा धर्म की दुर्बलता दर्म की दुर्बलता आदि कहा जाता है जबकि वस्तुत वह प्रखरता की कमी के दुष्परिणाम हैं *******
22 टिप्पणियां:
दो सौ पोस्ट एक लम्बा सफर है और इस सार्थक और दीर्घ सफर के लिये बधाई.
इस इस मुकाम तक पहुँचने के लिए बहुत बहुत बधाई.
दो सौवीं पोस्ट के लिए बहुत बधाई..ऐसे ही सैकड़े लगाते चलिये...शुभकामनाएँ.
सच है जी जितना बड़ा होता जाता है वृक्ष, उतना विनम्र होता जाता है।
बधाई।
बहुत बढिया लिखा है .. दो सौंवी पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई !!
बधाई!
बहुत बहुत बधाई..दोहरा शतक के लिए...
badhaayee huzoor...
arsh
मिसिर जी प्रणाम,200 वीं पोस्ट की बधाई हो,हम तो पहले ही बधाई देना चाहते थे पर नेट बैठ गया, आज कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा, अभी चालु हुआ तो आये दौड़ते-हांफ़ते हुये कि कहीं फ़िर बंद ना हो जाये -आपको अपनी व्यथा के साथ, पुन:शुभकामनाएं
२००वी पोस्ट की बधाई लीजिये !!!
लम्बा है सफर इतना इसमें कहीं दिन के उजाले भी मिलें होंगे...कहीं काली स्याह रातें भी मिली होंगी...कहीं खुशियाँ भी बेशुमार मिली होंगी तो दुख भी अनगिनत मिलें होंगे...
दो सौवीं पोस्ट के जरिए इस लम्बे सफर को तय करने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई
आप को बहुत बहुत बधाई दो सॊ वी पोस्ट की
mahendraji bahut-bahut badhayee.is nirantata ko isi tarah nirantar pravahit rakhiye.
kavita
आप को बहुत बहुत बधाई
बहुत शीघ्र यह २०००० पर पहुंचे।
बहुत बधाई आपको इस उपलब्धि के लिये.
रामराम.
गब्बर और सांभा आपको इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।
जय भवानी।
BAHUT BADHIYA..........200 VI POST KE LIYE HARDIK BADHAYI
Aapki post 200vien ho aur hum badhai na devein?
'Nirantar' jaari rahe ye silsala
सौंवीं पोस्ट की बधाई!
bahut badhaai...
वाह मिश्र जी ..जबलपुर जिन्दाबाद ।
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