26.5.24

जो अपनी बुराइयों को पहचान कर दूर करें वही समझदार है ...

एक शहर में दो मित्र थे और उन दोनों में आपस में प्रग़ाढ़ मित्रता थी ।  दोनों जेब  काटने का धंधा करते थे । दोनों एक बार एक प्रवचन स्थल में गये जहाँ महात्मा  के प्रवचन चल रहे थे। एक जेबकतरा ध्यानमग्न होकर  महात्मा जी के प्रवचन सुनने लगा और उनके प्रवचनों से प्रभावित हो गया और दूसरे जेबकतरे ने प्रवचन सुन रहे कई लोगों की जेब काट ली।  प्रवचन समाप्त होने के बाद दोनों घर गये । जेब काटने वाले ने दूसरे  मित्र से कहा कि तू बड़ा मूर्ख है जो महात्मा की मीठी मीठी बातों में आ गया है और जेब काटने का धंधा छोड़ने की बात करने लगा है । महात्मा ने कहा है कि ईमानदारी से अपना काम कर और अपना जीवनयापन कर अपना भरणपोषण कर अपना पेट भरना । जेबकतरे मित्र की बातों से  और अपने पूर्व में किये गये कार्यों से दुखी होकर दूसरा मित्र महात्मा जी के पास गया और अपनी सारी बातें उनको बता दी ।  महात्मा ने उसे समझाया कि जो व्यक्ति अपनी बुराइयों को खुद समझ कर पहचान कर दूर करने की और उन्हें समाप्त करने की  कोशिश करता है वह सच्चा समझदार व्यक्ति है पर जो व्यक्ति बुरा कार्य करके भी पंडित बनता है वह महामूर्ख है । 

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