याद करता हूँ हर रोज सुबह शाम तुझे
पलक पांवडे बिछाये रहता हूँ सुबह शाम.
इस दिल में बस तेरी मीठी यादे बसती है
खुदा से तेरे आने के लिए दुआ करता हूँ.
काश कभी गर ऐसा हो जाए ए मेरे खुदा
मेरे तन्हा ख्वाब हकीकत में बदल जाए.
वो मुझसे मिले और तमन्ना मेरी पूरी हो
मुझे फ़िर से बेइन्तजा मोहब्बत मिल जाए.
हर ख्बाव में हर तरफ़ हर नजर में बस
मुझे सीमा तुम ही तुम नजर आती हो.
मेरी बेपनाह मोहब्बत से तुम अंजान हो
क्या बात है मुझे तुम पसंद आने लगी हो.
दिल में अजीब टीस कशिश सी होती है
जब तुम मेरे ख्यालो में चली आती हो.
तेरी याद में जब लिखता हूँ मनपसंद शेर
ख्यालो और ख्बावो से दूर चली जाती हो.
पलक पांवडे बिछाये रहता हूँ सुबह शाम.
इस दिल में बस तेरी मीठी यादे बसती है
खुदा से तेरे आने के लिए दुआ करता हूँ.
काश कभी गर ऐसा हो जाए ए मेरे खुदा
मेरे तन्हा ख्वाब हकीकत में बदल जाए.
वो मुझसे मिले और तमन्ना मेरी पूरी हो
मुझे फ़िर से बेइन्तजा मोहब्बत मिल जाए.
हर ख्बाव में हर तरफ़ हर नजर में बस
मुझे सीमा तुम ही तुम नजर आती हो.
मेरी बेपनाह मोहब्बत से तुम अंजान हो
क्या बात है मुझे तुम पसंद आने लगी हो.
दिल में अजीब टीस कशिश सी होती है
जब तुम मेरे ख्यालो में चली आती हो.
तेरी याद में जब लिखता हूँ मनपसंद शेर
ख्यालो और ख्बावो से दूर चली जाती हो.