जीवन सागर है डूबोगे मोती पाओगे
बैठोगे तट पर बस सीट ही पाओगे
तैरोगे तेज धार में तीव्र गति पाओगे
लहर नाव बैठे मंजिल तक जाओगे
तुम हंस के माथे पर बिंदियाँ लगाओ
हरी चुनरिया से कविता को सजाओ.
जाओगे झोपडी में दर्द बाँट लाओगे
सूनी आँखों में ज्योति भर लाओगे.
शोषित को शोषण से दूर खींच लाओगे
पहुंचोगे सीमा पर जीवन फल पाओगे.
......
बैठोगे तट पर बस सीट ही पाओगे
तैरोगे तेज धार में तीव्र गति पाओगे
लहर नाव बैठे मंजिल तक जाओगे
तुम हंस के माथे पर बिंदियाँ लगाओ
हरी चुनरिया से कविता को सजाओ.
जाओगे झोपडी में दर्द बाँट लाओगे
सूनी आँखों में ज्योति भर लाओगे.
शोषित को शोषण से दूर खींच लाओगे
पहुंचोगे सीमा पर जीवन फल पाओगे.
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