5.10.09

जबसे ये कलम उठाई है लफ्ज ही नहीं मिलते है

जबसे ये कलम उठाई है लफ्ज ही नहीं मिलते है
जिन्हें कागजो में ढूँढा.. वो शख्स नहीं मिलते है.

वो जमाने की तलाश तो....खूब करते फिरते है
पर इस जान के लिए..उन्हें वक्त नहीं मिलता है.

नजरे खूब मिलती है...पर नजारे नहीं मिलते है
कभी बेसहारों को.. तो कही सहारे नहीं मिलते है.

जिन्दगी एक नदी की तरह है..बस तैरते जाना है
डूबते को नदी में तिनके का सहारा नहीं मिलता है.

3.10.09

बिखर गए जब सारे सपने जब उन्हें आखरी सलाम लिखा

पत्थर रख कर जब सीने पर ख़त प्यार का आखिरी लिखा
बिखर गए जब सारे सपने जब उन्हें आखरी सलाम लिखा.

हर ख़ुशी तुझको देकर वे तेरी इस दुनिया को छोड़ देंगे
एक हम है जाते जाते तुझे आखिरी चिठ्ठी छोड़ जायेंगे.

वफ़ा या बेवफाई तूने की है इससे मुझे कोई शिकवा नहीं
मैंने तो बस तुझे चिठ्ठी लिखी थी और कुछ तो कहा नहीं.

अगर मोहब्बत सच्ची हो तो चाहत ही मोहब्बत होती है
ऊपर वाला साथ देगा दिल से अगर मोहब्बत सच्ची हो
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30.9.09

चाँद पे पानी मिल जाने की ख़ुशी में - नहले पे दहला

चाँद पे पानी मिल जाने की ख़ुशी में - नहले पे दहला
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आओ तुम्हे चाँद पर ले जाए वहां पर प्यार भरे सपने सजाये
नई दुनिया में सपनों का महल बनाये वहां भरपूर पानी पाए.

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मै नदी किनारे इंतजार में बैठा हूँ. .कभी लहरे तो आयेगी
लहरों के इंतजार में हूँ लहरों को कभी मेरी याद आयेगी.

दुनिया जब जवां हुई मेरी जेहन में बचपन की यादे आ गई
बचपन में जो रात दिन साथ रहती थी न जाने कहाँ खो गई.

दुनिया हमेशा आबाद रहेगी चाहे हम रहे या न रहे जहान में
वो मस्त बहारे वो मस्त फिजाये वो बसी रहेगी सदा जेहन में.

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