पहला दोस्त दूसरे दोस्त से बोला - यार तू ताजमहल बनबाने वाला वाला था ?
दूसरा दोस्त -हाँ यार लेकिन किस्मत की कली खिलती नही मै तो ताजमहल बनवाना चाहता हूँ लेकिन मुमताज मिलती नही है.
कुछ महीने बाद दूसरे दोस्त की शादी हो गई .
पहला दोस्त दूसरे दोस्त से बोला - यार अब तो तेरी शादी हो गई अब ताजमहल का क्या ख्याल है ?
दूसरा दोस्त - हाँ यार मेरी किस्मत की कली खिल गई है पर मुमताज मरती नही है .
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दो गप्पी आपस में बात कर रहे थे .
पहला गप्पी - मेरे दादाजी ने इतनी बड़ी चटाई बनाई थी कि पूरा गाँव उसमे सो सकता था .
दूसरा गप्पी - मेरे दादाजी इतने बड़े थे कि सारे गाँव की चटाईयां उन्हें सोने के लिए लगती थी .
पहला गप्पी - तो फ़िर सारा गाँव कहाँ सोता था ?
दूसरा गप्पी - तुम्हारे दादाजी की बनाई हुई चटाई पर सोता था .
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एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से - आज मैंने तीन नर और चार मादा मख्खियाँ मारी .
दूसरा व्यक्ति - तुम्हे कैसे मालूम हुआ कि कौन नर और कौन मादा मख्खियाँ है ?
पहला व्यक्ति - जो सेविंग क्रीम पर बैठी थी वे नर मख्खियाँ थी और जो लिपिस्टक पर बैठी थी वे मादा मख्खियाँ थी .
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एक पागल दूसरे पागल से - पता है मै कुछ दिनों बाद पागलखाने से जानेवाला हूँ ?
दूसरा पागल - वो कैसे ?
पहला पागल - अरे बेवकूफ मै साठ का हो गया हूँ क्या रिटायर नही होऊंगा क्या .
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5 टिप्पणियां:
ओये,मजा आ गया महेंद्र जी.
कमाल के चुटकुले हैं.
बहुत अच्छे,ऐसे ही हमें हंसाते और गुदगुदाते रहिये.
आलोक सिंह "साहिल"
:))
हा हा!! बहुत मजेदार!!
बहुत ही रोचक :) धन्यवाद
रोचक और मजेदार हैं ये चुटकुले.
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बधाई
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
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