जरा हँस ले रे मनवा
एक शाम को दादाजी घूमने जा रहे थे उसी समय रास्ते में एक नवयुवती
पारदर्शी साडी पहिने निकली . तो दादाजी को यह बात पची नही तो तुंरत उस
नवयुवती से बोले - देखो तुम पारदर्शी साडी पहिनो हो इसे देखकर तुम्हारी
माँ क्या कहेगी ?
नवयुवती बोली - वे इस साडी को देखकर बहुत बिगडेगी क्योकि यह उनकी साडी है मै इसे चोरी से पहिनकर आई हूँ .
......................
कालेज के जलसे में वक्ता महोदय बोल रहे थे और बीच-बीच में शैतान
लडके उन्हें रोक कर उनसे सवाल पूछ रहे थे . इन सवालों की झडी देखकर
वक्ता महोदय तुनक गए और बोले - लगता है यहाँ सभी बेवकूफ है
अच्छा होता कि यदि मुझसे सवाल एक एक कर बोलते .
तभी भीड़ में से आवाज आई - अच्छा ठीक है अब आप ही बोलिए.
......................
भिखारी - असल में मै एक लेखक हूँ और मैंने एक किताब लिखी है और
किताब का नाम है "पैसे कमाने के हजार तरीके "
दूसरा व्यक्ति - फ़िर तुम भीख क्यो मांग रहे हो ?
भिखारी - यह भी उनमे से एक तरीका है .
....................
एक मियां एक नाई के पास हजामत बनवाने के लिए पहुँचा और नाई
से बोला मेरे सारे सफ़ेद बाल क़तर डालो . नाई ने सर के सफ़ेद बाल
क़तर डाले मियां नाई से - अब मेरी दाढ़ी में कुछ सफ़ेद बाल है उन्हें चुन दो .
नाई ने मियां की बात का जबाब नही दिया और मियां की दाढ़ी के
सब बाल बना डाले और मियां की हथेली में सारे दाढ़ी के बाल रख
दिए और बोला - मेरे पास समय नही था इसीलिए दाढ़ी बनाकर
सारे बाल आपकी हथेली में रख दिए है अब आप जैसे चाहे अपने
सफ़ेद या काले बाल चुन लीजिये.
......................
13 टिप्पणियां:
यह भी खूब रही !
महेन्दर जी मजा आ गया
धन्यवाद
:)
हँसना जरूरी है :)
Mahendraji,hansane ka andaz achha hai aapka.
आपके भाव बहुत सुंदर हैं .....लाजवाब लिखा है....
भिखारी वाला बहुत खुब है ! मजेदार
मजेदार।
खूब रही !
अभी तक हँस रहा हूँ भाई,
बधाई.
====================
हा हा!! हंस लिये भाई!!!
"ha ha ha ek se badh kr ek"
Regards
बढ़िया !! और लिखिए अभी और हँसने का मन है
एक टिप्पणी भेजें