19.9.08

पुर्तगाली भाषा की कविता का हिन्दी भाषा में अनुवाद : खूबसूरत मित्रता

मेरी मित्र क्रिस्टीना डुग ब्राजील ने मुझे दो दिन पहले पुर्तगाली भाषा में कविता प्रेषित की है जिसका अनुवाद हिन्दी भाषा में आपके समक्ष प्रस्तुत है . कविता का नाम है "ख़ूबसूरत मित्रता" और "सुबह" जिसके लेखक अज्ञात है .

खूबसूरत मित्रता

इस दिन इस बिंदु मैं तुम से मिला नहीं था
लेकिन उस दिन मैं तुम्हारे साथ साँझा करने के लिए विद्वान
मेरी खुशी और गम.
जब मैं मुझ में पैदा हुई दोस्ती की भावना.

मुझे लगता है कि हमारे बीच में पैदा हुआ था
देख सकता था
एक खूबसूरत दोस्ती का एक सपना.
शब्द, जटिल है
वे क्या मतलब जानते है लेकिन जो
यह जो सिर्फ सत्ता की क्षमता है
अपनी ग़लतियाँ और गुणों का मूल्यांकन.

सच्ची दोस्ती है कि नहीं
यह अनन्त उद्देश्य है एक भावना है.
तुम्हारे साथ मेरी दोस्ती इतनी खास है
मुझे लगता है कि इसे महज शब्दों में समझा नहीं पाता हूँ .

जब भी मैं कहना चाहता हूँ
दोस्ती करने के लिए आप पसंद और महत्वपूर्ण दोस्त हैं .
आज तुम मेरे जीवन का हिस्सा हो,
दोस्ती के लिए भगवान का शुक्रिया
और तुम सच के साथ दोस्ती की खोज की.

एक बात है,मुझे कहना है कि मेरी दोस्ती है,
एक शुरुआत,मध्य और कभी खत्म नहीं होगी .
............

सुबह

आपकी सुबह इतनी क्या जादुई है
सब परियों के जादू के रूप में ...
अपनी नाराज़गी इतना छोटी है
सबसे छोटी बूंद के रूप में ...

उनके पथ के रूप में स्पष्ट कर रहे हैं
इस नदी के जल में अधिक सपने देखे ...

उनकी वेशभूषा बहुत अच्छी हैं
सबसे महंगी ज्वेल के इच्छा के रूप में ...

उसकी अधीनता इतनी संवेदनशील है
सबसे अधिक प्राकृतिक शहद के रूप में ...

उसकी क्षमता को इसलिए मंजूरी दे दी है
आत्मा और अधिक आबादी वाले के रूप में ...

और हमारे स्नेह तो सच है
हमारी दोस्ती के रूप में है ...

लेखक-अज्ञात
अनुवाद - महेंद्र मिश्रा,जबलपुर.

5 टिप्‍पणियां:

जितेन्द़ भगत ने कहा…

माफ कीजि‍एगा मि‍श्रा जी, अन्‍यथा न लें। यदि‍ शाब्‍दि‍क अनुवाद के स्‍थान पर भावानुवाद करते तो कवि‍ता और प्रभावी हो सकती थी। बाकी तो...

और हमारे स्नेह तो सच है
के रूप में हमारी दोस्ती है ...

सचिन मिश्रा ने कहा…

Bahut badiya.

Abhishek Ojha ने कहा…

मैं तो समय चक्र रीडर में जोड़े बैठा था. निरंतर का पता ही नहीं था वहाँ :(

Udan Tashtari ने कहा…

शाब्दिक अनुवाद सीमाओं में बंध जाता है...उस दृष्टि से बेहतरीन है-अर्थ भी समझ आ रहा है...भावानुवाद में भाव उभर कर सामने आते और एक काव्य रस का असर भी आ जाता.

प्रयास सराहनीय है, बधाई..जारी रहें.

Udan Tashtari ने कहा…

शाब्दिक अनुवाद सीमाओं में बंध जाता है...उस दृष्टि से बेहतरीन है-अर्थ भी समझ आ रहा है...भावानुवाद में भाव उभर कर सामने आते और एक काव्य रस का असर भी आ जाता.

प्रयास सराहनीय है, बधाई..जारी रहें.