ये दूरियां मजबूरी हो सकती है मगर इतनी भी बड़ी नही है कि बने बनाये रिश्तो को पल में तोड़ दे .वक्त गर आ जाए अगर तो सच्चे प्रेम और सच्चे रिश्तो की डोर दूरियों को भी लांघकर नजदीकियो में बदल देती है, चाहे फ़िर वह झूठा बहाना ही क्यो न हो .......
दूरियां केवल भय विद्वेष अहंकार कुंठा से होती हैं जिनते हाथों हम मजबूर होते हैं दूरियां मजबूरियां भी तो हैं "चाहे फ़िर वह झूठा बहाना ही क्यो न हो ......!". में सारी कहानी छिप है बंधू आदमी अपने कैंकडेपन की वज़ह से भी दूर रहता है उसे भय होता है की कहीं उसकी टांग खिचाई न हो जाए ...... लोग तो अपने साथ कोई विशेषण जोड़ कर जीने का शौक पाल लेतें हैं .........मैं अमुक हूँ मैं तमुक हूँ ........इस भ्रम और भ्रम को सही साबित करने के गुन्ताड़े में दूरियां पाल लेते हैं यही असहजता की निशानी है . आप की माइक्रो पोस्ट में आप सहीं हैं मैं आपसे सहमत हूँ जो कुंठित और छिद्रान्वेषी होगा जो आँख पे पट्टी बाँध के हाथी का मुआयना कर रहा होगा वो भले कुछ भी माने मैं मानता हूँ की दूरियां "संकीर्ण-मानस"की मज़बूरियाँ ही तो है मुझे आपको हम सब को पिता-माता,भाई-बहन से अपेक्षाएं करने से पहले हर नकारात्मक के विष को पीने की क्षमता विकसित करनी होगी तभी हम मज़बूर न होंगे दूरियां न होंगी विशाल सागर- सम्राट से हम सर्वप्रिय होंगें
आपकी निम्नाकित टीप बहुत ही सही और सटीक है "मुझे आपको हम सब को पिता-माता,भाई-बहन से अपेक्षाएं करने से पहले हर नकारात्मक के विष को पीने की क्षमता विकसित करनी होगी तभी हम मज़बूर न होंगे दूरियां न होंगी विशाल सागर- सम्राट से हम सर्वप्रिय होंगें" सत्यवचन .आभार गिरीश जी
इंटरनेट का युग है। कम से कम एक प्रकार की दूरी तो मिट गई। हम ब्लॉग जगत के मित्रों से इस नवीन माध्यम के कारण कोई दूरी महसूस नहीं करते। चित्र ने मन मोह लिया। इस प्यारे बच्चे को कौन देल से दूर रखना चाहेगा?
वक्त गर आ जाए अगर तो सच्चे प्रेम और सच्चे रिश्तो की डोर दूरियों को भी लांघकर नजदीकियो में बदल देती है, चाहे फ़िर वह झूठा बहाना ही क्यो न हो ....... "yes yes yes, very right and trule said...."
18 टिप्पणियां:
दूरियाँ नजदीकियाँ बन गईं अजब इत्तफाक है।
महेंद्र जी
दूरियां अब मजबूरियां कदापि नही हैं
- विजय तिवरी किसलय
महेंद्र जी
दूरियां अब मजबूरियां कदापि नही हैं
- विजय तिवरी किसलय
दूरियां केवल भय विद्वेष अहंकार कुंठा से होती हैं जिनते हाथों
हम मजबूर होते हैं
दूरियां मजबूरियां भी तो हैं
"चाहे फ़िर वह झूठा बहाना ही क्यो न हो ......!".
में सारी कहानी छिप है बंधू
आदमी अपने कैंकडेपन की वज़ह से भी दूर रहता
है उसे भय होता है की कहीं उसकी टांग खिचाई न हो
जाए ......
लोग तो अपने साथ कोई विशेषण जोड़ कर जीने का शौक पाल
लेतें हैं .........मैं अमुक हूँ मैं तमुक हूँ ........इस भ्रम और भ्रम को
सही साबित करने के गुन्ताड़े में दूरियां पाल लेते हैं
यही असहजता की निशानी है .
आप की माइक्रो पोस्ट में आप सहीं हैं मैं आपसे सहमत हूँ
जो कुंठित और छिद्रान्वेषी होगा जो आँख पे पट्टी बाँध के
हाथी का मुआयना कर रहा होगा वो भले कुछ भी माने
मैं मानता हूँ की दूरियां "संकीर्ण-मानस"की मज़बूरियाँ ही तो है
मुझे आपको हम सब को पिता-माता,भाई-बहन से अपेक्षाएं
करने से पहले हर नकारात्मक के विष को पीने की क्षमता
विकसित करनी होगी तभी हम मज़बूर न होंगे
दूरियां न होंगी विशाल सागर- सम्राट से हम
सर्वप्रिय होंगें
दिल ही है जो दुरियों को नजदीकियों में बदल सकता है,
दिल जो चाहे तो मजबूरियों को खत्म कर सकता है।
बहुत सही फरमाया और बड़े गहरे उतरे.
आपकी निम्नाकित टीप बहुत ही सही और सटीक है
"मुझे आपको हम सब को पिता-माता,भाई-बहन से अपेक्षाएं
करने से पहले हर नकारात्मक के विष को पीने की क्षमता
विकसित करनी होगी तभी हम मज़बूर न होंगे
दूरियां न होंगी विशाल सागर- सम्राट से हम
सर्वप्रिय होंगें"
सत्यवचन .आभार गिरीश जी
दुरियो मे कोई दरार ना आये? कोई भडकाने वाला ना हो?तो दुरिया अपने आप ही खत्म हो जाती है.
धन्यवाद
इंटरनेट का युग है।
कम से कम एक प्रकार की दूरी तो मिट गई।
हम ब्लॉग जगत के मित्रों से इस नवीन माध्यम के कारण कोई दूरी महसूस नहीं करते।
चित्र ने मन मोह लिया।
इस प्यारे बच्चे को कौन देल से दूर रखना चाहेगा?
महेंद्र जी माइक्रो पोस्ट में गहरी बात कर गए हैं आप...वाह...और आप का चित्र...लाजवाब.
नीरज
सुंदर माइक्रो पोस्ट
भई वाह कया कहने।
यह टिप्पणी किसी विशेष कारण से अंकित ज़रूर है क्योंकि यह सार्वजनिक समस्या है
Beshak...
बेशक.....
वक्त गर आ जाए अगर तो सच्चे प्रेम और सच्चे रिश्तो की डोर दूरियों को भी लांघकर नजदीकियो में बदल देती है, चाहे फ़िर वह झूठा बहाना ही क्यो न हो .......
"yes yes yes, very right and trule said...."
Regards
सच्ची बात !
सही है...! सांच को आँच क्या..
आपकी टिप्पणी से मुझे लिखने का मानसिक संबल मिलता है और आपकी अभिव्यक्ति से मुझे दिशा प्राप्त होती है.आप सभी का मै आभारी हूँ.
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