28.11.08

मुंबई घटनाक्रम के सन्दर्भ में - वो बेवजह गुनाह कर रहे है..

चुनाव कार्य पूर्ण करने के उपरांत आज समाचार पत्रों में टी.वी. में मुंबई में चल रहे घटनाक्रम को देखकर ह्रदय व्यथित हो गया है . धमाको से कई निरीह लोगो की जाने चली गई और आतंकवादियो द्वारा खुलकर खूनी खेल खेला गया उसे देखकर यह सोचने लगा हूँ कि लगातार घटनाये हो रही है जाने जा रही है आखिर इन सबके लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या हमारी व्यवस्था इसी घटनाओ को रोकने में सक्षम नही है ? क्या हम ऐसी आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए पूर्ण रूप से निपटने के लिए अपनी मानसिकता नही बना सके है ? आज की आतंकी घटना के संदर्भ में मन में उभरी कुछ पंक्तियाँ दे रहा हूँ -

वो बेवजह गुनाह कर रहे है
और तौबा करते है
मानवीयता को दरकिनार रख
निरीह अरमानो का
बेदर्दी से
खूनी सौदा कर रहे है.
खूनी नदिया
बह जाने के बाद
हम अपने ही
बाग़ और बगियाँ को
कोस रहे है .

बेवजह आतंकवादी घटनाओ में मृत सभी निरीह जनों को व्यथित ह्रदय से श्रध्धांजलि अर्पित है . ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे .

...............

7 टिप्‍पणियां:

Anil Pusadkar ने कहा…

ओम शाँति,शाँति.

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

दुखद। अभी सुन रहे हैं एन.एस.जी. का एक मेजर भी शहीद हुआ।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

वे जो कोई भी हैं
ये वक्त नहीं
सोचने का उन पर
ये वक्त है
अपनी ओर झाँकने और
युद्धरत होने का
आओ
अपनी अपनी
तलवारें और
ढालें संभालें।

Gyan Darpan ने कहा…

देश के लिए शहीद होने वालों को शत्-शत् नमन

राज भाटिय़ा ने कहा…

देश के लिए शहीद होने वालों को मेरा नमन

sandhyagupta ने कहा…

वो बेवजह गुनाह कर रहे है
और तौबा करते है
मानवीयता को दरकिनार रख
निरीह अरमानो का
बेदर्दी से
खूनी सौदा कर रहे है.
खूनी नदिया
बह जाने के बाद
हम अपने ही
बाग़ और बगियाँ को
कोस रहे है .

sach kaha aapne.

Aruna Kapoor ने कहा…

आए दिन होने वाली ऐसी दु:खद घटनाए व्यथित कर देती है... लगता है कि हम लोग कितने कमजोर है!... आतंकवाद का अंत होना बेहद जरुरी है!... हम आपके साथ है!