ये जिंदगी हमें दी है तो तेरी ख़ूबसूरत मोहब्बत ने
फूलो ने जैसे चमन में बहारो की ताजी खुशबू दी है.
तेरी फरामोशी का जिक्र ये जब सारा जमाना करेगा
वो समां आयेगा जब हर दिल आशिक दीवाना होगा.
सितारों को देख कर प्यार की महफ़िल याद आती है
फलक में देखकर चाँद को महबूब की याद आती है.
अपनी वफ़ा को सीने में लगाकर ठिकाना छोड़ चले है
न राहों न मंजिल की ख़बर फ़िर भी मुसाफिर बना हूँ।
फूलो ने जैसे चमन में बहारो की ताजी खुशबू दी है.
तेरी फरामोशी का जिक्र ये जब सारा जमाना करेगा
वो समां आयेगा जब हर दिल आशिक दीवाना होगा.
सितारों को देख कर प्यार की महफ़िल याद आती है
फलक में देखकर चाँद को महबूब की याद आती है.
अपनी वफ़ा को सीने में लगाकर ठिकाना छोड़ चले है
न राहों न मंजिल की ख़बर फ़िर भी मुसाफिर बना हूँ।
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7 टिप्पणियां:
Wah zanaab
chhaa gae
सुंदर अभिव्यक्ति!
bahot khub likha hai aapne mishra ji... dhero badhai sahab aapko...
arsh
बहुत खुब.
धन्यवाद
"खुबसुरत भावों की सुंदर अभिव्यक्ति "
regards
mohobbat karne layak panktiyan.
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति!
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