16.12.08

जरा हंस मेरे यार इन जोगो पे

एक रईस मोटी काली एक सौन्दर्य विशेषज्ञ के पास यह पूछने गई कि उसे किस रंग का कपडा पहिनना चाहिए जिससे वह सुंदर और आकर्षक लगे .
सौन्दर्य विशेषज्ञ ने उसे सलाह दी देखिये श्रीमती जी भगवान ने गाने वाली चिडिया बनाई तो उसे कई रंग दिए. तितली को भी भगवान ने रंगबिरंगा बनाया पर भगवान ने हथिनी को सिर्फ़ एक ही रंग दिया है .

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कंजूस बाप ने अपने बेटे को एक चश्मा लाकर दिया . एक दिन बेटा कुर्सी पर चश्मा लगाये हुए बैठकर कुछ सोच रहा था .
बाप ने आवाज दी बेटा तुम क्या कर रहे हो क्या पढ़ाई कर रहे हो .
बेटा - नही पापाजी
बाप - फ़िर क्या तुम लिख रहे हो ?
बेटा - नही पापाजी
बाप - (गुस्से से) फ़िर अपना चश्मा उतार क्यो नही देता फिजूलखर्ची की आदत पड़ गई है.

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लेखक - दस साल लिखते रहने के बाद मुझे यह पता चला की मुझमे साहित्यसृजन की प्रतिभा बिल्कुल भी नही है.
मित्र - तो तुमने लिखना छोड़ दिया ?
लेखक - नही नही तब तक तो मै काफी प्रसिद्द हो चुका था.
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एक उपन्यासकार ने कहा "आखिरकार मैंने एक ऐसी चीज लिख ली है जिसे हर पत्रिका स्वीकार कर लेगी"
क्या है वह ? उसके मित्र ने पूछा
लेखक - "एक वर्ष के चंदे का चैक"

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12 टिप्‍पणियां:

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

लेखक - नही नही तब तक तो मै काफी प्रसिद्द हो चुका था.
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वाह! जबरदस्त!

Nitish Raj ने कहा…

महेंद्र जी, लेखक वाला अच्छा रहा।

P.N. Subramanian ने कहा…

मज़ा आ गया. लेखक की प्रसिद्धि जोरदार रही. आभार.

"अर्श" ने कहा…

बहोत ही खुबसूरत लिखा है आपने बेहद उम्दा ... ढेरो बधाई स्वीकारें....


अर्श

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

sundar aur saarthak...

Girish Billore Mukul ने कहा…

SHUBH KAAMANAEN

Girish Billore Mukul ने कहा…

EK BEHATREEN POST

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छे चुटकुले हैं।

Anil Pusadkar ने कहा…

मज़ेदार

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत खुब मजेदार.
धन्यवाद

डा. अमर कुमार ने कहा…


मेरे प्रसिद्ध होने से पहले ही.. यह भेद खोल दिया ?
वह भी बिना चश्मा लगाये.. हद है !

seema gupta ने कहा…

बहुत खुब मजेदार.
ha ha ha

regards