12.1.09

कुछ अंदाज़ आपके लिए



आज सोचा कि जबाब क्या भेजू
आप जैसे दोस्त को ख़िताब क्या भेजू
कोई फूल हो तो नही मालूम
जो ख़ुद गुलाब हो उसे गुलाब क्या भेजू
महक इश्क़ की कम नही होती
ज़िंदगी से उसकी ख़ुशबू कम नही होती
साथ अगर हो आप जैसा दोस्त
तो ज़िंदगी जन्नत से कम नही होती
कुछ लोग बहुत ख़ास होते है
हर पल दिल के पास होते है
ख़ुशी हो या ग़म वे सदा साथ रहते है
लोग उन्हे दोस्त हम उन्हे आप कहते है.
आपके ख़्यालो से फ़ुरसत नही मिलती
हमे एक पल राहत नही मिलती
मिल तो जाता सब कुछ
पर आपकी झलक नही मिलती
सुना है कि आपकी एक स्माईल
पर सभी फ़िदा हो जाते है
सो कीप स्माईलिंग
रिड्यूस दा पापुलेशन
रिश्ता एक ऐसा होना चाहिए
जो हमे अपना जान सके
हर दर्द को जान सके
चल रहे तेज़ बारिश मे साथ हम
फिर भी वो पानी मे हमारे
हर आँसू को पहचान सके.

लेखक-अनाम(मालूम नही)

12 टिप्‍पणियां:

जितेन्द़ भगत ने कहा…

पहली चार पंक्‍ति‍यॉ कहनेवाले ने लाजवाब कही है, वाह।

सचिन मिश्रा ने कहा…

Bahut badiya.

बवाल ने कहा…

बहुत बेहतरीन रचना पढ़वा दी पन्डितजी आपने । रिश्तों की व्याख्या जैसी ही हो गई इसमें लगभग । बहुत आभार आपका ।

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

एक अच्छे प्रस्तुतीकरण के लिए साधुवाद
- विजय

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जनाब
धन्यवाद आप का ओर उस अनाम भाई का भी.

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बहुत सुन्‍दर रचना। लेखक का नाम भी पता होता, तो ज्‍यादा अच्‍छा लगता।

Himanshu Pandey ने कहा…

सुन्दर रचना प्रस्तुत करने के लिये धन्यवाद.

रंजना ने कहा…

इस तरह के कंटेंट मोबाईल मैसेज में बहुतेरे इस्तेमाल होते हैं.
बढ़िया है .....

Abhishek Ojha ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना. बधाई.

Unknown ने कहा…

वाह वाही कबूल कीजिये...
चिट्ठी का मेरी जवाब ना भेजा
दोस्ती का कोई खिताब ना भेजा
वो सोचने लगा की मेरा बाप माली है
गुलाब मुझे समझ के, गुलाब ना भेजा....

;-)
आदर सहित

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

बेहतरीन रचना पढ़वा दी!!!!

admin ने कहा…

एक बार फिर से बधाई इस सुंदर रचना के लिए।