किसी का अपमान करना किसी से नफ़रत करना शैतान का काम है और क्षमा करना इंसान का धर्म है . क्रोध करने से पहले उसके भविष्य के परिणामो पर विचार करो अन्यथा उसके भीषण परिणाम भुगतने पड़ते है .
आपका ब्लोग निरंतर देखा बेहद अच्छे भाव भरे हैं।आपभी निरंतरता बनाये रखियेगा। अच्छा लगता है जब सात समंद्र पार किसी से विचार विनिमय होता है हो सके तो www.freedomyoga.ca web site पर भी दृष्टिपात करें।
11 टिप्पणियां:
सत्यवचन ज्ञानी जी!
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गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम
क्या बात है पण्डिज्जी? लगता है जबलपुर में लगी आग अभी बुझी नहीं।
छड्ड भी यार।
अनाड़ी ही हैं शायद हम।
बात तो ठीक कही आपने पर अनाड़ियों की भी कमी नहीं दुनिया में...
सुन्दर विचार हैं।
ladai ladai maaf kro .nasamjho ko maaf kro
सत्य लिखा है आपने ! क्रोध करने से पहले उसका साइड इफेक्ट सोच लिया जाय तो क्रोध आएगा ही नही |
क्रोध हम सब के लिये अच्छा नही, बहुत ग्याण की बात कही आप ने.
धन्यवाद
आपका ब्लोग निरंतर देखा बेहद अच्छे भाव भरे हैं।आपभी निरंतरता बनाये रखियेगा। अच्छा लगता है जब सात समंद्र पार किसी से विचार विनिमय होता है हो सके तो www.freedomyoga.ca web site पर भी दृष्टिपात करें।
बहुत ही शिक्षाप्रद वचन........अगर पालन किया जाए तोह्ह्ह्ह्ह्
very good I can,t explain in simple word. Nice and meaningful comment
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