10.2.09

माइक्रो पोस्ट- अनमोल वचन

किसी का अपमान करना किसी से नफ़रत करना शैतान का काम है और क्षमा करना इंसान का धर्म है . क्रोध करने से पहले उसके भविष्य के परिणामो पर विचार करो अन्यथा उसके भीषण परिणाम भुगतने पड़ते है .

समझने वाले समझ गए जो न समझे वो अनाडी है.

11 टिप्‍पणियां:

Vinay ने कहा…

सत्यवचन ज्ञानी जी!

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गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम

विष्णु बैरागी ने कहा…

क्‍या बात है पण्डिज्‍जी? लगता है जबलपुर में लगी आग अभी बुझी नहीं।
छड्ड भी यार।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

अनाड़ी ही हैं शायद हम।

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

बात तो ठीक कही आपने पर अनाड़ियों की भी कमी नहीं दुनिया में...

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सुन्दर विचार हैं।

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

ladai ladai maaf kro .nasamjho ko maaf kro

Gyan Darpan ने कहा…

सत्य लिखा है आपने ! क्रोध करने से पहले उसका साइड इफेक्ट सोच लिया जाय तो क्रोध आएगा ही नही |

राज भाटिय़ा ने कहा…

क्रोध हम सब के लिये अच्छा नही, बहुत ग्याण की बात कही आप ने.
धन्यवाद

Sundeep Kumar tyagi ने कहा…

आपका ब्लोग निरंतर देखा बेहद अच्छे भाव भरे हैं।आपभी निरंतरता बनाये रखियेगा। अच्छा लगता है जब सात समंद्र पार किसी से विचार विनिमय होता है हो सके तो www.freedomyoga.ca web site पर भी दृष्टिपात करें।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

बहुत ही शिक्षाप्रद वचन........अगर पालन किया जाए तोह्ह्ह्ह्ह्

dheeraj ने कहा…

very good I can,t explain in simple word. Nice and meaningful comment