9.3.09

होली पर नजरो का जाम

जब पीने पिलाने की बात मयखाने में चली
दिल से याद आए बहुत तेरे होठो के जाम.

जिंदगी में यूं मैंने कभी भी पिया नहीं जाम
मयखाने में बैठकर शराब से नहीं हूँ बेखबर.

सुबह होते उसने शराब पीने से कर ली तौबा
उसने रात को अपने पीने की दास्तान सुनी.

आपस में जाम टकराकर जब पिया करते है
सबकी नजरो से छिपकर लोग पिया करते है

सब शराब में सोडा मिलाकर पिया करते है
मै बिना सोडा के तेरी नजरो से पी लेता हूँ

दोस्तों की महफ़िल में तू इतना न पिया कर
तुझे दोस्त उठाकर तेरे घर न छोड़ने न जाये

यारा जब से मैंने तेरी नजरो से जाम पिया है
तबसे मयखाने जाने का रास्ता भूल गया हूँ

उसने कुछ इस तरह से निगाहों से पिलाई है
खुद का चेहरा आईने में भी नहीं दिख रहा है

सुबह मैंने शराब न पीने की कसम खाई थी
जालिम कसम याद आई शाम को पीने के बाद

11 टिप्‍पणियां:

Vinay ने कहा…

होली की आपको और आपके परिवार में समस्त स्वजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

शराब न पीने की कसम सच में याद रहती होती तो पीने वाले न होते! :-)

आवारा प्रेमी ने कहा…

बुरा ना मानो होली है…
आपकी इस कविता पर प्यार आता है

"अर्श" ने कहा…

holi ki dhero badhaeeyan....

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन!!

होली की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

बवाल ने कहा…

क्या कहना पण्डितजी ! वाह वाह।

राज भाटिय़ा ने कहा…

अजी कसम होती ही तोडने के लिये है....

आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है

seema gupta ने कहा…

आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी ओर बहुत बधाई।
regards

"अर्श" ने कहा…

बहोत खूब लिखा है साहब आपने.. आपको तथा आपके पुरे परिवार को मेरे तरफ से होली की ढेरो बधईयाँ और शुभकामनाएं.... गुजिया और जलेबी के साथ...बधाई

अर्श

अनूप शुक्ल ने कहा…

पीने के बाद कसम याद आ रही है। अच्छी क्वालिटी की नहीं होगी!

शारदा अरोरा ने कहा…

धन्यवाद , होली की आपको बहुत-बहुत बधाई
शुभकामनाओं सहित