तेरे लिए ही जीते आये है हम तेरे लिए ही जियेंगें
तेरी ख़ुशी की खातिर जहर का प्याला हम पियेंगे.
नाम इन ओठो पर तेरी याद इस दिल में बसी है
हमें ज़माने से क्या लेना तुझमे बसी है जान मेरी.
हम बेवफा होते तुझे इस दिल से भुला सकते थे
जहाँ से डरते होते तो अरमानो को जला सकते थे.
मोहब्बत्र में बेवफाई मिले सदमा ये कम नहीं होता
आकर वो बहार चली जाए किसे वो गम नहीं होता.
तेरा चेहरा फूलों की तरह खिलता मुस्कुराते ही रहे
तेरी ये जुल्फे बहारो की तरह सदा महकती ही रहे.
हमेशा की तरह तू भी सदा चहकती मुस्कुराती रहे
इस दिल को सदा चाहत के साथ राहत तू देती रहे।
तेरी ख़ुशी की खातिर जहर का प्याला हम पियेंगे.
नाम इन ओठो पर तेरी याद इस दिल में बसी है
हमें ज़माने से क्या लेना तुझमे बसी है जान मेरी.
हम बेवफा होते तुझे इस दिल से भुला सकते थे
जहाँ से डरते होते तो अरमानो को जला सकते थे.
मोहब्बत्र में बेवफाई मिले सदमा ये कम नहीं होता
आकर वो बहार चली जाए किसे वो गम नहीं होता.
तेरा चेहरा फूलों की तरह खिलता मुस्कुराते ही रहे
तेरी ये जुल्फे बहारो की तरह सदा महकती ही रहे.
हमेशा की तरह तू भी सदा चहकती मुस्कुराती रहे
इस दिल को सदा चाहत के साथ राहत तू देती रहे।
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9 टिप्पणियां:
kamal hai is umra ye chahat our lagaw .......
भाई साहब आज कल तो आप कमाल की रचनायें प्रस्तुत किये जा रहे हैं.
बहुत खूब.
शायद यही सच्चे साहित्यकार के गुण हैं.
हम हर साहित्यकार से यही उम्मीद करते हैं कि
वे ब्लॉग लेखन को उत्कृष्टता प्रदान करें और ऐसा लिखें कि
लोग ब्लॉग को भी गंभीरता से पढें.
न कि टिपियाने के लिए सतही तौर पर पढ़ कर इतिश्री समझें.
-विजय
har she'r mukammal hai mishra jee bahot hi khubsurati se kahi hai aapne...
arsh
हमेशा की तरह लाजवाब.
तेरा चेहरा फूलों की तरह खिलता मुस्कुराते ही रहे
तेरी ये जुल्फे बहारो की तरह सदा महकती ही रहे.
..... ये दुआ तो हम भी उनके लिए करते हैं.
बहुत बढिया!!
मोहब्बत्र में बेवफाई मिले सदमा ये कम नहीं होता
आकर वो बहार चली जाए किसे वो गम नहीं होता.
हम बेवफा होते तुझे इस दिल से भुला सकते थे
जहाँ से डरते होते तो अरमानो को जला सकते थे.
bhut khoob.
मोहब्बत्र में बेवफाई मिले सदमा ये कम नहीं होता
आकर वो बहार चली जाए किसे वो गम नहीं होता.
"सच कहा बहुत सुंदर प्रस्तुती...."
regards
खुशी हो ya गम ,सीने में हमेशा के लिए धंस जाते हैं ,मोहोबत्त के करम ,मोहोबत्त की बातें मोहोबत्त से कही ,बहुत शुक्रिया महेंद्र भाई ,
आप कहते रहेंगे इसी तरह ,हम पढ़ते रहेंगे इसी तरह ........................सलाम
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