तुम नजरे झुका कर देखती हो... जिस तरह
देखती हो इस तरह.. जैसे कुछ भी नहीं देखा.
oooooo
अपना हाले दिल लेकर कहाँ तुझे खोजने जाऊं
जहाँ भी बस मै देखता हूँ बसी है तुम्हारी यादें.
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तेरे इस हसीन चेहरे को देख खूब प्यार आता है
हँस कर जालिम ने कहा आप को क्या आता है.
11 टिप्पणियां:
वाह,क्या प्यार भरी प्रस्तुति,
मज़ा आ गया पढ़ कर,
बेहद उम्दा,बधाई
बहुत सुन्दर।
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विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
बहुत सुंदर महेंदर जी लाजवाब.
धन्यवाद
बहुत लाजवाब.
रामराम.
का mahender भाई ...अभी ता बरसात झमाझम रूप नहीं पकडा है आप अभिये से इतना सेंटी आ रोमांटिक कर दीजियेगा...बढिया है लगे रहिये...मजा आ गया...
भई वाह-क्या बात है!!
प्यार भरे खूबसूरत शेर! बधाई महेन्द्र जी।
बहुत ही सुन्दर शेर. काश जवानी में यह सब हमें मिलता!
तेरे इस हसीन चेहरे को देख खूब प्यार आता है
हँस कर जालिम ने कहा आप को क्या आता है...
बहुत सुन्दर.
bahut hi sundar ................
इसे ही कहते हैं प्यार की गहराई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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