11.8.09

हम गुजरा नहीं करते है अनजान राहो से दर्दे दिल लेते देते नहीं हैं

वो आंसुओ की कीमत क्या जाने जो हर बात पर आंसू बहाते है
उनसे कीमत पूछो आंसुओ की जो गमो में भी हंसते मुस्कुराते है.

हम गुजरा नहीं करते है अनजान राहो से दर्दे दिल लेते देते नहीं हैं
मोहब्बत का सिर्फ रिश्ता है आपसे दूसरो को हम दिल देते नहीं है.

अंत में एक जोग-
चित्रगुप्त यमराज से - इस बच्चे की जान अपने समय से पहले क्यों ले ली ?
यमराज - यार मार्च का कोटा जो पूरा करना था .

10 टिप्‍पणियां:

Mithilesh dubey ने कहा…

हम गुजरा नहीं करते है अनजान राहो से दर्दे दिल लेते देते नहीं हैं
मोहब्बत का सिर्फ रिश्ता है आपसे दूसरो को हम दिल देते नहीं है.

लाजवाब रचना।

P.N. Subramanian ने कहा…

आपकी रचनाओं को पढ़ कर दिल और जवान हुआ जाता है. काश समय की धडी को पीछे घुमाया जा सकता.आभार

आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' ने कहा…

आंसुओं का दर्शन अद्भुत हैं जी आपका ,ग़मज़दा लोग भी ज़रा आकर पढ़े पोस्ट को ...............सादर

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है।बहुत गहराई से निकले शब्द हैं..बधाई।

निर्मला कपिला ने कहा…

ब्हुत खूब सुन्दर अभिव्यक्ति है चुटकुला लाजवाब अभार्

Unknown ने कहा…

mahendraji.............
waah
waah
kya baat hai !
bahut sundar shaayari aur bahut funny jock !
badhaai !

ओम आर्य ने कहा…

hamesha ki tarah sundar .......badhaaee

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत लाजवाब..चुटकला सटीक व्यंग है.

रामराम.

Akanksha Yadav ने कहा…

Kavita ke bahane sundar vyangya !!

"वन्देमातरम और मुस्लिम समाज" को देखें "शब्द-शिखर" की निगाह से...

vandana gupta ने कहा…

waah.........bahut sundar ;ikha hai........badhayi