" यदा यदा ही धर्मस्य, ग्लानिर्भवति भारत.. अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्मानम सृजाम्यहम परित्राणायाय साधुनाम, विनाशायच दुष्कृताम धर्म सँस्थापनार्थाय, सँभावामि, युगे, युगे ! " *************************** श्री राधा मोहन, श्याम शोभन, अँग कटि पीताँबरम जयति जय जय, जयति जय जय , जयति श्री राधा वरम् आरती आनँदघन, घनश्याम की अब कीजिये, कीजिये विनीती , हमेँ, शुभ ~ लाभ, श्री यश दीजिये दीजिये निज भक्ति का वरदान श्रीधर गिरिवरम् .. जयति जय जय, जयति जय जय , जयति श्री राधा वरम् ********************************* रचनाकार [स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]
8 टिप्पणियां:
आदरणीय आपको भी और सुधि सभी पाठकों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाये
अत्यन्त सुंदर! श्री कृष्ण जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई।
आपको भी जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाये...
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई!!
" यदा यदा ही धर्मस्य,
ग्लानिर्भवति भारत..
अभ्युत्थानम अधर्मस्य
तदात्मानम सृजाम्यहम
परित्राणायाय साधुनाम,
विनाशायच दुष्कृताम
धर्म सँस्थापनार्थाय,
सँभावामि, युगे, युगे ! "
***************************
श्री राधा मोहन,
श्याम शोभन,
अँग कटि पीताँबरम
जयति जय जय,
जयति जय जय ,
जयति श्री राधा वरम्
आरती आनँदघन,
घनश्याम की अब कीजिये,
कीजिये विनीती ,
हमेँ, शुभ ~ लाभ,
श्री यश दीजिये
दीजिये निज भक्ति का वरदान
श्रीधर गिरिवरम् ..
जयति जय जय,
जयति जय जय ,
जयति श्री राधा वरम्
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रचनाकार [स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]
बहुत सुन्दर। जनमाष्टमी मुबारक।
Sundar chitr hai saare ki saare.....Krishn janam ki bahoot bahootbadhaai.....
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