तेरी यादे तुमसे बेहतर है तन्हाई में आ जाती है
याद जरुर आते होंगे अक्सर तुझे तन्हाइयो में.
यादो के सहारे जिन्दा है गर मर जाते जुदाई में
तेरी यादो में मै हर पल उदास खोया रहता हूँ.
कब सुबहो हुई कब शाम मुझे पता ही न चला
तेरी यादो को मैंने इस दिल से भुलाना चाहा.
इस दिल को तुम उतना ही खूब याद आये
हमें जब तेरी मोहब्बत में खूब ईनाम मिले.
और प्यार के बदले में मेरी वफ़ा को इल्जाम मिले
जब तेरे सितमो पे मर मिटे आबाद कभी बर्बाद हुए
याद जरुर आते होंगे अक्सर तुझे तन्हाइयो में.
यादो के सहारे जिन्दा है गर मर जाते जुदाई में
तेरी यादो में मै हर पल उदास खोया रहता हूँ.
कब सुबहो हुई कब शाम मुझे पता ही न चला
तेरी यादो को मैंने इस दिल से भुलाना चाहा.
इस दिल को तुम उतना ही खूब याद आये
हमें जब तेरी मोहब्बत में खूब ईनाम मिले.
और प्यार के बदले में मेरी वफ़ा को इल्जाम मिले
जब तेरे सितमो पे मर मिटे आबाद कभी बर्बाद हुए
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9 टिप्पणियां:
महेंद्र जी
सादर वन्दे !
सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है,
हसता चेहरा एक बहाना लगता है,
खूबसूरत रचना । आभार ।
वाह वाह
बहुत ही खुब
अतिसुन्दर
लाज़बाव
बेहद खूबसूरत रचना। बहुत-बहुत बधाई...
बहुत खूबसूरत रचना.
रामराम.
vaah jI bahut sundar, majaburi hai roman me likhanaa
और प्यार के बदले में मेरी वफ़ा को इल्जाम मिले
जब तेरे सितमो पे मर मिटे आबाद कभी बर्बाद हुए
wah ye yadoon ka silsala adbjhoot laga...
बहुत सुन्दर महेन्द्र जी!
waah waah............bahut sundar ahsason se labrej rachna.
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