26.9.09

व्यंग्य : चलो दिलदार चलो चाँद पर पानी के लिए चलो ....

ऐ चाँद तेरी सूरत में अगर भगवान की सूरत क्या होगी . रामायण महाभारत में चाँद को देवतुल्य माना गया है और उसकी पूजा आराधना की जाती है . करवा चौथ के दिन महिलाए चलनी में चाँद की सूरत देखती है . साहित्यकारों और कवियो ने चाँद की तुलना प्रेमिका प्रेमी से की है . चाँद तक पहुँचने के लिए लोगो में होड़ मची है . चाँद पर अपने यान से मानव भेजने की तैयारी कर रहा है तो कोई चाँद पर खुदाई करने की तैयारी कर रहा है .



हमारे देश के चंद्रयान ने चंद्रमा की धरती पर पानी के कणों की खोज क्या करली है और जबसे नासा ने इसरो की इस उपलब्धि पर पीठ क्या थपथपा दी है तो हमरे देश के लोग इसरो की इस उपलब्धि पर बेहद इतरा गए है . कोई कह रहा है अब चाँद पर अन्तरिक्ष यात्रियो को चंद्रमा पर पीने को पानी मिलने लगेगा तो मीडिया वाले अपनी टी. आर.पी. बढ़ाने के लिए चाँद पर कालोनी बसाने की लगातार बाते कर रहे है तीन दिन से टी.वी. वाले चाँद पर कालोनी बना रहे है..और लोगो का जोरशोर से दिमाग सडा रहे है .

यहाँ सारे देश के लोग बाग़ राष्ट्रिय गान जैसे गाना " पानी मिल गया पानी मिल गया " गा रहे है . चाँद पर पानी क्या मिल गया है जैसे पानी की समस्या का समाधान मिल गया हो और चाँद का पानी उन्हें पृथ्वी में पीने को मिल जावेगा . आगे जाकर चाँद पर खुदाई होगी तब जाकर चाँद की २० किलो मिटटी में से मात्र आधा लीटर से कम पानी निकलेगा और तब लोगो को पीने को पानी मिलेगा .

यदि सारे भारत की जनता को चाँद का पानी पिलाना पड़े तो ऐसे में पानी के चक्कर में सारे चाँद को खोदना पड़ेगा तब तो चाँद ही न बचेगा . प्रेमी प्रेमिकाओं के चाँद का अस्तित्व ही समाप्त हो जावेगा . अरे भैय्या जब अपने इस धरती के पानी को हम बचा नहीं पाते है और मौके पर जल संरक्षण नहीं कर पाते है तो अब काहे चाँद के पानी के पीछे पड़े हो . यदि चाँद न रहा तो प्रेमी प्रेमिका किस चाँद को अपने दिलो में जगह देंगे.



लोग वहां एरियन जैसे दिखेंगे

अपने ताऊ जी ने भी चाँद पर चाट का ठेला लगवाया था पर पानी की कमी के चलते चाट का ठेला बंद करना पड़ा . कोई कह रहा है की चलो यार चाँद पर हेलमेट का धंधा खूब चलेगा चलो चाँद पे हेलमेट की दूकान खोल लेते है . कोई कह रहा है की यहाँ के लोग वहां एरियन जैसे दिखेंगे उसकी बड़ी बड़ी पूंछ होगी और पूँछ के द्वारा सब कुछ डिस्चार्ज करेगा और हवा में उड़ता फिरेगा . आदमी चाँद पर जाकर खुद को आदिमानव फिरसे बनाने की तैयारी कर रहा है . . भैय्या ये सब दूर की गोटी है अपने लिए इस जनम तक... तब काहे आप पानी पानी चिल्लात हो जी .

15 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

पानी की कमी तो है ही धरती पर == इतना कि लोगो के आँखो का भी पानी मर गया है.
एक बार तो जाना ही पडेगा चाँद पर पानी लाने

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

महेन्‍द्र जी चलो
कुछ और को
भी साथ ले लो
वहां पर चांद जल बोर्ड
की स्‍थापना करेंगे
और खूब माल कूटेंगे
वहीं से करेंगे
ब्‍लॉगिंग शलॉगिंग।

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह महेन्द्र भाई...अब तो बस एक पाईप की कमी रह गई है ..उसके मिलते ही...चांद को पिघला पिघला कर पियेंगे...

दर्पण साह ने कहा…

@ mahendar ji
Badhiya vyang....

@avinash ji...

Fir to net ka connection bhi chahiye hoga...

WWW (Word Wide Web) ke badle CCC
(Chaand Cyber Connect) se web address shuru honge....

http://ccc.google.in

(bhai main asha vadi hoon,'India' desh wahan bhi hoga hi )

ओम आर्य ने कहा…

बहुत ही खुब लिखा है आपने ..........अतिसुन्दर

Mishra Pankaj ने कहा…

चाद पर तो पहले ताऊ ने कालोनी काट राखी है शायद चैनल वाले भूल गए है . मिश्रा जी आपने अच्छा लिखा है मुझ जैसे बच्चे को भी कोई मन्त्रदीजिये ना

मितान ने कहा…

मस्‍त है भाई, पानी में चांद की परछाई देखने का खेल हम लोग सनातन से खेलते आ रहे हैं अब चांद में पानी की परछाई ....


आभार.

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप ने बहुत अच्छा लिखा, लेकिन हमारे चाट के ठेले पर नजर मत रखना जी, ओर साथ मै ५०० गज का पलाट भी है, जहां हम ने एक बंगला बनबाना है, देखो कोई पंगा मत करवा देना, उस प्लाट पर ताऊ की नजर पहले से है, ओर अब आप ने इस गरीब के ठेले को भी ताऊ का ठेला लिख दिया, बीच की बात यह है कि जो पानी चांद पर मिला है वो सारा इस ठेले से गिरा है झुठी पलेटे धो धो कर, लेकिन आप किसी को बताना मत.
राम राम जी की

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

राज जी,
आपका हुकुम सर आँखों पर मै तो तुपटाप रहूँगा मै किसी को नहीं बताऊंगा की झूठी प्लेटो को धोने से जो पानी गिरा है वही चाँद पर डला है और मिला है .....

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

भैया ये सही है कि चाट का ठेला पूरा भाटिया जी का ही है . पर पूरा चांद हमारी चंपाकली को यमराज ने दहेज मे दिया था और हमने वहां कालोनी काटकर एक एक प्लाट सभी ब्लागर्स जिन्होने उस दिन तक हमसे कहा था, उनको फ़्री मे दिया गया था.

अत: उधर कोई नजर नही डाले तो अच्छा होगा. ये तो आज पानी होने की घोषणा कर रहे हैं, हमको तो पहले ही मालूम था इसीलिये वहां कालोनी काटी थी.

रामराम.

Udan Tashtari ने कहा…

सटीक कटाक्ष दिया है.

अब ताऊ ने तो थिति स्पष्ट कर ही दी है.


दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

दादा राज जी,
ताउजी ने ठेला तो आपका सिद्ध कर दिया है पर प्लाट अपना बता रहे है....हा हा

Randhir Singh Suman ने कहा…

.ऐ चाँद तेरी सूरत में अगर भगवान की सूरत क्या होगी .



यदि चाँद न रहा तो प्रेमी प्रेमिका किस चाँद को अपने दिलो में जगह देंगे.


nice.............nice...........nice..........

Prem Farukhabadi ने कहा…

वाह ! वाह !बहुत खूब .बधाई!!

Asha Joglekar ने कहा…

Ab itana bhee na khoden chand ko ki chand chad na rahe. Aapko Dashhare kee bahut saree shubh kamnaen.