30.9.09

चाँद पे पानी मिल जाने की ख़ुशी में - नहले पे दहला

चाँद पे पानी मिल जाने की ख़ुशी में - नहले पे दहला
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आओ तुम्हे चाँद पर ले जाए वहां पर प्यार भरे सपने सजाये
नई दुनिया में सपनों का महल बनाये वहां भरपूर पानी पाए.

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मै नदी किनारे इंतजार में बैठा हूँ. .कभी लहरे तो आयेगी
लहरों के इंतजार में हूँ लहरों को कभी मेरी याद आयेगी.

दुनिया जब जवां हुई मेरी जेहन में बचपन की यादे आ गई
बचपन में जो रात दिन साथ रहती थी न जाने कहाँ खो गई.

दुनिया हमेशा आबाद रहेगी चाहे हम रहे या न रहे जहान में
वो मस्त बहारे वो मस्त फिजाये वो बसी रहेगी सदा जेहन में.

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8 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

वहां भरपूर पानी पाए.
पानी के लिये जा रहे है तो बादलो पर जाये
बहुत सुन्दर

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

वाकई दहला!

राज भाटिय़ा ने कहा…

आओ तुम्हे चाँद पर ले जाए वहां पर प्यार भरे सपने सजाये
नई दुनिया में सपनों का महल बनाये वहां भरपूर पानी पाए.
अरे बहुत मंहगा है चांद पर जाना,हिमायलाय पर चले जाओ ठंडी ठंडी हवा मै फ़िलमी गीत भी गाना ओर ठंडे ठंडे पानी मै खुब नहाना.

आप के सभी शॆर बहुइत सुंदर लगे .

धन्यवाद

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

पढ़ कर अच्छा लगा .
- विजय

Udan Tashtari ने कहा…

चलिए, कहीं तो फिलहाल पानी की गारंटी हुई. बढ़िया है.

दर्पण साह ने कहा…

Ek treveni....

Tumhein chaand kaha tha kal,
Sharam se paani -paani hoti ho?

"chaand main paani mila hai shayad."

Urmi ने कहा…

वाह वाह क्या बात है! बहुत ही ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! अब लगता है पानी की समस्या का हल हो जाएगा!

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

क्या बात है महेंद्र जी कितने खूबसूरत तरीके से एक खबर को इतना मनोरंजक बना दिया आपने..बधाई आपको..खूब बधाई..