परीक्षण और संचार वृत के अधीक्षण अभियंता माननीय ठाकुर साहब ने अपने उदबोधन में कहा मिश्र एक कर्मठ और सुयोग्य है ..कठिन से कठिन कार्य को आसानी से सम्पादित करते है...उन्हें उम्मीद नहीं थी की मिश्र इतनी जल्दी सेवानिवृति ले लेंगे. संभागीय अभियंता श्री खरे ने कहा की श्री मिश्र सेवानिवृति के उपरांत फुरसत में नहीं बैठेंगे ... इस अवसर पर सभी ने मंगलमय उज्जवल भविष्य की कामना की और भावभीनी बिदाई दी .
गृह निवास पर स्वल्पाहार का आयोजन किया गया. स्वैच्छिक सेवानिवृति के अवसर पर कुछ फोटो लिए गए है जोकि अवलोकनार्थ प्रस्तुत है. कल तक व्यस्त था ... आज अपने आपको स्वछंद महसूस कर रहा हूँ और महसूस कर रहा हूँ की मै अब किसी का चाकर नहीं हूँ और आजाद हूँ ... स्वतंत्रता के साथ साँस ले सकता हूँ और आजादी से अब घूम फिर सकता हूँ .
कार्यालय से बिदाई आयोजन के बाद घर की और रवानगी ..
एक नन्ही बच्ची "टिया " ने आकर मेरा हाथ थामा
कार्यालय सहकर्मियो के साथ बिदा के क्षण....
कार्यालय सहकर्मियो के साथ बिदा के क्षण....एवं बाजू में खड़े कार्यपालन अभियंता श्री मनीष खरे बांयी और
कार्यालय के बाहर मुझे रिसीव करने आये परिवारजन एवं---स्नेही जन
कार्यालय में रिसीव करने आये स्नेही जन...
मेरे निवास में उपस्थित जबलपुर शहर के कवि साहित्यकार और अनेक संस्थाओं से जुड़े ब्लागार भाई डाक्टर
विजय तिवारी "किसलय" जी
निवास में उपस्थित स्नेही जन..
निवास में उपस्थित स्टेट बार कौंसिल हाईकोर्ट जबलपुर की अनुभाग प्रभारी श्रीमती अंजू निगम और सलमा बेगम...के साथ छायाचित्र
मेरे मित्र मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के महासचिव नलिनकान्त बाजपेई (जनसत्ता).. नौकरी के बाद भी साथ नहीं छूटेगा .....
गृह प्रवेश पर जब मेरी चाची जी ने मेरा सम्मान किया .....
जबलपुर सेन्ट्रल जेल और मिलेट्री जेल के मौलाना हाजी कारी काजी अब्दुल लतीफ़ कादरी जी ने श्री फल और शाल से सम्मानित किया.
कार्यालय से बिदाई के पश्चात मेरे निवास में उपस्थित मध्यप्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी के एफ.डी.ठाकुर साहब अधीक्षण अभियंता (परीक्षण और संचार)जबलपुर , श्री निगम संभागीय अभियंता और श्री मनीष खरे संभागीय अभियंता परीक्षण संभाग १ मध्यप्रदेश ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड जबलपुर.....
घर में मेरे बेटे मयूर मिश्र ने पुष्पाहार से सम्मान किया और कहा बस पापा अब मै....सुनकर आंखे नम हो गई की मेरा बाजू तैयार हो गया है .
निवास में आयोजित स्वल्पाहार कार्यकर्म में मित्र जन और स्नेहीजन .
निवास में आयोजित स्वल्पाहार कार्यकर्म में मित्र जन और स्नेहीजन..और मै...
निवास में आयोजित स्वल्पाहार कार्यकर्म में मित्र जन और स्नेहीजन....और मै...
यूं0के0 से आये मेरे भांजे अमित मिश्र ने पुष्पाहार से मेरा सम्मान किया .....
स्वैच्छिक सेवानिवृति पर ये बहुत खुश है...मेरी पत्नी मांडवी मिश्र(बांये)और उसकी सहेली.
सम्मान के ये क्षण....
मयूर मिश्र,मोनू चौरसिया और वरुण
23 टिप्पणियां:
हम भी ऐसा ही मानते हैं। मुक्ति में ही संतुष्टि है। आपके उज्ज्वल और उल्लासमय भावी जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपके उज्ज्वल और उल्लासमय भावी जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं।
बी एस पाबला
बधाई हो, अब मजे से ब्लॉगिन्ग करने के दिन आये हैं।
महेन्द्र जी,
जीवन का यह नया दौर और भी खुशहाली ले कर आये।
वाह!! अब सही शुरुवात होनी है...अनेक शुभकामनाएँ.
हर रात के बाद सुबह और सुबह के बाद शाम है
हर अंत के बाद फिर से प्रारंभ है
आप का स्वागत है नयी दुनिया में।
मिसिर जी !
मैंने पिछली टिप्पणी में कहा ही था .........
यह सब देख कर मुझे अच्छा ही लग रहा है .............
..........................आगामी योजनाओं के लिए शुभकामनाएं ...................................
अरे वाह !!!!
हम भी अभिभूत हुए !!
अब क्या !! अब आप आजाद परिंदे हुए !!
ब्लॉग में खूब एड -सेन्स भी लगाइयेगा!!
उज्ज्वल और उल्लासमय भावी जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं!!!
अब आराम से लिखते और पढ़ते रहिएगा..आपके जीवन में ये नया पड़ाव खुशियाँ लेकर आये,मेरी शुभकामनाएँ..
निवृत्ति नही यह तो आवृत्ति है. यही से तो नई शुरूआत होनी है.
बधाई
मिसिर जी, रिटायर का अर्थ है पुन: नयी उर्जा के साथ नवजीवन्, आपकी विदाई देखकर मै तो गदगद हो गया, ऐसी बिदाई तो प्रधानमंत्री की भी नही होती। शुभकामनाएं
सुन्दर। आगे के जीवन के लिये मंगलकामनायें।
बहुत अच्छा लगा, सभी चित्र बहुत प्यारे लगे, आप को बहुत बहुत बधाई, ओर चलिये अब आगे बढिये ओर कुछ नया करिये.
धन्यवाद
महेंद्र जी,
रिटायर्ड बट नॉट टायर्ड....जीवन के नए टर्न के लिए शुभकामनाएं एक गीत के साथ-
नदिया चले चले रे धारा,
चंदा चले चले रे तारा
तुझको चलना होगा,
ओ तुझको चलना होगा.
जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है,
आंधी हो तूफां ये रूकता नहीं है,
तू न चला तो चल दे किनारा,
बड़ी ही तेज़ समय की धारा,
ओ तुझको चलना होगा...
जय हिंद...
यह नई जिन्दगी की शुरूवात है, अभी बहुत काम करना है चिट्ठाकारी में तो हम आपके साथ है।
Zindagee ke naye tazarbe se do-do haath hone ke liye nayee urjaa ke saath taiyaar ho jayen... aur kalam ko apnaa saath banayen... aapki tasveeren dekh meri aankhen bhi nam ho gayee... magar yahi satya hai ... badhaayee aapko ...
arsh
दूसरी मुक्त और महत्वपूर्ण पारी के लिए ढ़ेरों शुभकामनाएं। आप पहले से ही इस स्वतंत्र मीडिया से जुड़े रहे हैं। ज्ञानदत्त जी की तरह अपने डिजिटल कैमरे को ऑन रखें और लगातार कुछ नया हमारे लिए परोसते रहें। उज्ज्वल भविष्य और ब्लॉगिंग के प्रति समर्पण की कामनाओं के साथ.....
दूसरी (स्वछंद ) पारी के लिये बधाई , निवेदन है कि अधिक से अधिक पोस्ट लिखें, और अन्य ब्लागों पर टिप्पणी कर के सही मार्गदर्शन भी करें
मिश्र जी, हम भी चित्र देख भावमय हो गये!
बहुत शुभकामनायें।
एक नई शुरूआत पर आपको उज्ज्वल भविष्य हेतु हार्दिक शुभकामनाएं!!!
जिस प्रकार ३३ साल ८माह तक एक पारी सफ़लतापुर्वक पूरी की उसी तरह दुसरी पारी को भी शानदार ढंग से शुरु करे . आपको शुभकामना ईश्वर आप की हर मनोकामना पूरी करे
आप सभी का बहुत बहुत आभारी हूँ जो आप सभी ने सेवा निवृति के अवसर पर मेरा मानसिक संबल बढाया और मुझे आगे भी कुछ करने हेतु प्रेरित किया . बधाई और शुभकामनाये के लिए आप सभी का आभारी हूँ .
mishra ji namaskaar, vrs ka aapka vidaai samaroh aur photo dekh kar achcha bhi laga aur dil bhi bhar aaya.aapke bachche yogya hain us drashti se aapka nirnay safal sidh ho yahi shubh kaamnayen hain , aap swasyh rahkar blog par kalam ke sipahi ban tainaat rahen bas. ek prashn dimaag men kaundh raha hai bura na lage to pochh lun. contact me pl yogeshverma56@gmail.com
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