श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज ने कहा ... अलख निरंजन बच्चा !
हमारी लंगोटी कहाँ है ? कितनी सर्दी पड़ रही है ।
लोग अब बाबाओं से ही मजाक करने लगे हैं ।
अलख निरंजन
लंगोटा नंदजी महाराज ने कहा - अरे कोई पहलवान भक्त है तो आओ और इन शठाधीश बाबा को उठाकर सात समंदर पार पटककर आओ, मेरा जीना हराम कर रखा है,
हमारी दुकानदारी को बर्बाद करने की कसम खा रखी है, इन चिलमखोर बाबा ने !
अरे बाबाओं अपनी लंगोटी कहाँ ख़ोज रहे है आप आपके दस मीटर के बड़े लंगोट तो इनने पहिन रखा है . कहो तो इन पहलवानों को आपकी देखरेख के लिए बुलवाया जाय ....
14 टिप्पणियां:
यी जबलपुर अखाड़ा है क्या भाई महेंदर जी
achcha
वाह! मिसिर जी, वहां बाबा लोग अपनी लंगोटी के चक्कर मे पड़े हैं, आप पुल मौज ले रहे हो।:-) हा हा हा हा हा
लोग अब बाबाओं ka hee ही मजाक करने लगे हैं
बच्चा महेंद्र! कल्याण हो ! हमारे पास तो हमारी पैदायशी लंगोट फेविकोल के बाप से भी मजबूत जोड़ से चिपकी हुई है, हाँ, शठाधीश महाराज अपनी लैला लंगोट को पगलाए खोज रहे है..उनकी मुलाकात कराओ इन सूमो से !
श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज said...
निचे उतरने के बाद सारी तमन्ना जाग गई है- सबसे पहले तो राखी सावंत की ही तमन्ना
पतन की ओर उन्मुख बाबा लंगोटानंद, हमे पहले ही मालुम था, ऐसा ही होगा,
महाराज मेरे कुछ प्रश्न है, उनके उत्तर के बाद आपको बाहर फ़िंकवाने की जरुरत नही है।
1.आपके गुरुजी कौन हैं? जिन्होने आपको संन्यास की दीक्षा दी है।
2.उनका आश्रम कहां हैं? उनका ब्लागाश्रम पता दीजिए
3.हिमालय का वह स्थान बताईये, जहां पर आपने तपस्या की है।
4.आपके गुरुजी के गुरुजी कौन है? उनका ब्लाग आश्रम पता
5.और अंतिम प्रश्न हमारी लंगोटी कहां है?
इन प्रश्नो के उत्तर के बाद हम आपके मठ मे नही आयेंगे
अलख निरंजन
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लंगोटा नंदजी महाराज said...
श्री श्री बाबा शठाधीश जी महाराज!
कल्याण हो ! हम आपके किसी भी सवाल का जवाब नहीं देंगे एक को छोड़कर- हम पिछले १०० साल से यंग हैं, आपने नशाखोरी में अपनी
जवानी गंवा दी है, हमारी जवानी से ईष्या न करें, जवानी की डिमांड पूरा करना हर नौजवान का अधिकार है -हम भी राखी सावंत की तमन्ना
रखकर अपनी सदाबहार जवानी की डिमांड पूरी कर रहे है, इसमें पतन जैसे आपके आरोप को हम शिरे से खारिज करते हैं !
बहुत खूब..बढ़िया चित्र ढूढ़ कर लगाए है मिश्रा जी..धन्यवाद!!
बहुत सुंदर जी
ghor kaljug a giya hai
misir ji
je kya ho raha hai
हा हा!!
’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
जय हो चमत्कारी बाबाओं कि.:)
रामराम.
बच्चा महेंद्र,कल्याण हो ! आज एक टिपण्णी ने हमारे दिल को छु लिया है, हमने उसे सर्वोत्तम टिपण्णी माना है,हो सके तो आज उस टिपण्णी को चर्चा में शामिल करके मेरे जवाब को जन-जन तक पहुँचाओ,हमें प्रचार नहीं चाहिए,हम तो बस इतना चाहते हैं की अच्छी बातें सभी तक पहुंचे, तुमने चर्चा के माध्यम से अच्छा प्रयास शुरू किया है, हम तुम्हारे इस कार्य की सराहना करते हैं !
ha ha ha ha
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