अपणे ताउजी का एक नौकर हरयाणवी था बहुत चुस्त चालाक था पर था ताउजी का ऊँचे दर्जे का वफादार था . अपणे ताउजी भी कम फोकस बाज नहीं थे उन्होंने अपणे नौकर को समझा कर रखा था की जब कोई मेहमान घर आये और वो कोई चीज की फ़रमाइस करें तो तुम कुछ बढ़ा चढ़ा कर बताया करो की सामने वाला मेहमान भी हक्का बक्का हो जाए अपनी फोकियत बाजी देखें .
एक दिन ताउजी जी के घर कुछ मेहमान आ गए . ताउजी ने नौकर हरयाणवी से कहा ओ मेहमान आये जरा तूसी कुछ ठंडा शरवत बरवत लाओजी .
नौकर हरयाणवी - हुजूर कौन सा वाला खस का केवड़े का या बादाम का लाऊ
ताउजी - नौकर से बादाम का ले आओ .
शरवत हो गया तो मेहमान ने पानी माँगा .
नौकर हरयाणवी - कौन सा वाला हैण्ड पम्प का कुंए का या ऊपर की टंकी का पानी लाऊ जी .
ताउजी अपणे नौकर से - ए सुण जर पान बान ला
नौकर हरयाणवी - साब कौन सा पान कलकतिया बनारसी या नागपुरी लाऊ .
ताउजी अपणे नौकर से - मेहमान के साथ हीरामन शास्त्री आये हैं उनसे पूछ लो कैसा खायेंगे वे पान .
नौकर हरयाणवी - अरे उनकी चोंच है वे क्या पान खायेंगे. हा हा हा
थोड़ी देर मेहमान घर में रुके और जाने लगे तो ताउजी ने नौकर से कहा - मेहमान जा रहे है इनको कार निकाल कर दे दो .
नौकर हरयाणवी - मालिक कौन सी कार निकाल दूं शेवरलेट, मारुती, इम्पाला निकाल दूँ .
मेहमानों ने नौकर हरयाणवी से मारुती निकालने को कहा और बैठ कर उन्होंने कार स्टार्ट की और बोले पिताजी का फोन आये तो उन्हें खबर कर देना की भेडाघाट गए हैं .
नौकर हरयाणवी मेहमानों से - कौन से वाले पिताजी को जबलपुर वाले देहली वाले या इंदौर वाले को खबर करना हैं .
महेंद्र मिश्र की कलम से.
5 टिप्पणियां:
बहुत खूब ताऊजी की कहानी। बेवकूफ नौकर की ज़ुबानी।
हा हा!! कौन से वाले पिता जी! मजेदार.
वाह , गजब नौकर है...
आप तो ताऊ की सारी पोल खोल कर ही रहोगे.:) बहुत जोरदार.
रामराम.
hahahahaha.....naukar ho to aisa.
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