दर्दे दिल की बात को मै इस चिट्ठी में कैसे लिख सकता हूँ
इस दिल में उठे तूफानों को चिट्ठी में कैसे लिख सकता हूँ.
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शिकायत हमें आप से है की आपने हमें अब तक देखा नहीं
तेरे पैगाम के इंतज़ार में है दिल मेरा पर तूने पैगाम भेजा नहीं.
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दिल से तुम खूब मुस्कुराया करो रोज मीठे ख्वाबो में आया करो
तीरे नजर न चला जब दिल उमंगें मारे तो मेरे पास आया करो.
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8 टिप्पणियां:
लाजवाब अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत सुंदर रचना....
दिल से तुम खूब मुस्कुराया करो रोज मीठे ख्वाबो में आया करो
तीरे नजर न चला जब दिल उमंगें मारे तो मेरे पास आया करो.
बढ़िया भाव...गजब की रचना...
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! बधाई!
रोज मीठे ख्वाबो में आया करो .nice
bahut achhee.
बढिया कतरने हैं ।
बहुत लाजवाब पंडितजी.
रामराम.
मीठे ख्वाबों में वो आ जाएँ तो बात ही क्या है ... बहुत अच्छे शेर ,...
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