ए गनपत जरा इंटरनेट तो खोल ए गनपत जरा ब्लाग तो खोल
ए गनपत जरा जोरदार पोस्ट तो लिख रे
ए गनपत के रे फिर से देख इस पोस्ट पर कितनी पोस्ट आई रे
ए गनपत नहीं आती हैं तो तू भी टिप्पणी धकेल रे तब तो बाबा लोग आयेगा रे
ए गनपत टिप्पणी नहीं आती है तो किसी खासे से पंगा ले न रे तेरी पूछ बढ़ जायेगी रे
ए गनपत जरा धर्म पर पोस्ट लिख दूसरो की भी धो और अपनी भी धुलवा रे
ए गनपत ज्ञानी है तो अपना ज्ञान और कहीं रे बघार इतनी बड़ी दुनिया पड़ी है रे
ए गनपत लोग लुगाई के झगड़े में न पड़ना रे नहीं तो खाट भी न रहेगी रे
ए गनपत तू तो बड़ा टॉप क्लास ब्लॉगर है रे तू तो टिप्पणी देना पसंद नहीं करता है रे
ए गनपत ब्लॉग पे तू अपनी ढपली अपना राग अलाप रे फटेला नहीं का समझे रे
ए गनपत चम्मचो के मकड़जाल में न पड़ना रे
ए गनपत जरा चैटिंग कर लिया कर रे
ए गनपत दूसरो की वैसाखियों पर न चल रे बाबा
ए गनपत तू तो एग्रीकेटर बन गयेला रे अब तो तेरी मर्जी चलती है रे .
ए गनपत अखबारों की पोस्ट ब्लॉग में छाप रे और पसंदगी पे चटका लगवा और आगे बढ़ रे रेटिंग के शिखर में .
ए गनपत तेरे को टॉप २० में नहीं रहना है क्या रे .
.......
17 टिप्पणियां:
गणपत बाबा जी के ब्लाग पर सत्संग सुनने में व्यस्त है...अभी थोडी देर मे आता है, आपकी भी सुनने :-)
पंडितजी ये कौन से बाबा हैं जरा लिंक दीजिये गणपत बाबा जी की
:) गनपत से कहिये एक ठो चिठ्ठा चर्चा भी शुरु करे… :) फ़िर देखबे कीजियेगा, कईसा पापुलरवा होत है गनपत… :)
सही है..
कहीं इसी चक्कर में गनपत से न हाथ धो बैठियेगा..एक जान..कितना काम बताईयेगा उसे. :)
जय हो गणपत जी की.
रामराम.
-ताऊ मदारी एंड कंपनी
गणपत जी ने बहुत सुंदर राग छेडा जी , लेकिन इस गणपत जी को कहना किसी मद्रासी या बंगाली से अपना नाम मत बुलबाये.....:)
राज जी हा हा गणपत को बंगाली में क्या कहेंगे मुझे तो मालूम नहीं है ?
achchha hansgulla fenk ke mara aapne aaj Mahendra ji.. :)
और आखिर मे ...चल गन्पत दारु ला
गनपत क्या-क्या करेगा साहब??? कुछ आराम तो करने दो.
चल गनपत अब आराम भी दिखा
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
धन्य हे गणपत जी । सेवारत रहें ।
क्या सर, आप भी इसमें शरीक हो गये..
जो कोई भी यह सब कर रहा है उसे करने दीजिये . आप तो बस लिखते रहें हम पढ़ते रहेंगे.
अब समझ में आया की लोग कैसे कैसे फंडे अपनाते हैं अपनी धाक जमाने के लिए.
चलो अब अपने अपने फंडे को बदल डालो........
ये तो सारे के सारे महेंद्र भाई को पता चल गए .
पर महेंद्र भाई आप फंडा भी कम नहीं है.
आप तो लगे रहो.......
- विजय तिवारी
गनपत जब आपके काम छोड़ने को कहे तो मेरा पता बता दीजिएगा.
गणपत जी सबकी मन की आवाज़ को सुनते हैं और सबका भला करते हैं! बंगला में गणेश भगवान बोलते हैं !
Ha,ha,ha!
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