ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के
यहाँ जो भी आया वह रह गया कलम घिसके
न किसी ने पाई यहाँ मोहब्बत की मंजिल
कुछ दिन लिख्खा कदम डगमगाए आगे बढ़के
ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के
हम ढूँढते है यहाँ ब्लागिंग में बहारो की दुनिया
अरे कहाँ आ गए हम रह गए दलदल में फंसके
ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के
कहीं टूट न जाए आगे जाकर ब्लागिंग का सपना
ब्लागिंग में पोस्टो न फेंकों किसी को निशाना बनाके
ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के
28 टिप्पणियां:
अहिन्दी ब्लॉगिंग का नीति वाक्य :-
कदम कदम पर टिप्पणी छोड़ते जाओगे तो कभी न गिरोगे।
Big borther
kis kisko tippani dena hai ?
सुन्दर. हमें नहीं लगता की हम लोग टिप्पणियों के लिए ही लिखते है. हाँ टिप्पणियां नहीं आने पर कोफ़्त तो होती है. आभार.
अनुभव परिलक्षित है ।
कदम कदम पर टिप्पणी छोड़ते जाओगे तो कभी न गिरोगे
ब्रह्म वाक्य
ब्लागिंग में पोस्टो न फेंकों किसी को निशाना बनाके
ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के
बहुत सुंदर जी धन्यवाद
क्या कहें एक एक लफ्ज़ मन में उतर गया
बढिया अनुभव है .. अच्छी पैरोडी !!
रुक न जाना कहीं तू हार के,
कांटों पे चलने से मिलेंगे साये बहार के
ओ ब्लॉगर भाई, ओ ब्लॉगर भाई...
जय हिंद...
कविता का स्वभाव गज़ब है!
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अभिनन्दन:
आर्यभटीय और गणित (भाग-2)
जय हो मिसिर जी,
आपने भी फ़ेंका है जबलपुरिया बम।
बस एक धमाके में निकला है दम॥
बिग तो आप हैं
मैं तो भाई हूं
वो भी स्माल।
ब्लागिंग की दुनिया में तुम चलना संभल के
यहाँ जो भी आया वह रह गया कलम घिसके
न किसी ने पाई यहाँ मोहब्बत की मंजिल ...
VAAH ,GURU JEE.
जय हो, महाराज!
सही ले जा रहे हैं.
मिश्र जी, हमारी ओर से आपकी ये पैरोडी वार्षिक हिन्दी ब्लागर पुरूस्कार के लिए नामांकित की जाती है :-)
वाह वाह. बिल्कुल सटीक.
रामराम.
-ताऊ मदारी एंड कंपनी
मज़ा आ गया गुरु जी
बहुत आनंद दायी पोस्ट
सुपर-डुपर पैरोडी… इसे गाकर भी सुनाईये बिल्लौरे जी की मदद से… :)
bahut hi badhiya likha hai.
कलम घिसकर की जगह की-बोर्ड में उलझकर कैसा रहेगा।
जोरदार पैरोडी -सचमुच यहाँ कुछ नहीं रखा आपसी वैमनस्य और असहिष्णुता के सिवा !
पोस्ट पे पोस्ट पढाते चलो
ब्लोगिंग की गंगा बहाते चलो....
मिश्र जी, हम तो अब तक लड़खड़ाते कदमों से ही चलते आये हैं; नशे में संभलना कहाँ हो पाता है?
मिश्र जी, हम तो अब तक लड़खड़ाते कदमों से ही चलते आये हैं; नशे में संभलना कहाँ होता है?
सुन्दर गीत. स्वच्छ भाव लिए हुए. ऐसा सिर्फ आप ही लिख सकते हैं. आपको बधाई और साधुवाद.
he-i-hi-hi-hi-ha-ha-ha-ha-ho-ho-ho-
क्या कहें एक एक लफ्ज़ मन में उतर गया
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