23.2.09

महाशिवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामना : जहाँ भोलेनाथ के दर्शन को जाते है वानर







रायसेन में ऐतिहासिक दुर्ग में एक गुफा मन्दिर है जहाँ बड़ी संख्या में शिवाजी के भक्तगण दर्शन करने पहुंचते है. खास बात यह जब भी भक्तगण शिवाजी के गुफा मदिर जाते है तो उन्हें मन्दिर में वानर बड़ी संख्या में देखने को मिलते है . पूजा के समय में वानरों की सेना भक्तगणों का साथ देते है . खास बात यह है की वानरों की नजर पूजा में चढाई जाने वाली सामग्री पर रहती है परन्तु जब भक्तगणों द्वारा वानरों को प्रसाद दिया जाता है तबही ये बन्दर प्रसाद स्वीकार करते है और यह बंदरो की सेना कभी भी भक्तगणों का परेशान नही करते है.



ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधी पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनात मृत्योमुक्षीय मामतात



सभी ब्लॉगर भाई बहिनों को महाशिवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामना.

ॐ शिवजी सदा सहाय करे.
ॐ नमो शिवाय
बमबम भोलेनाथ

21.2.09

जरा देखें तेरे चेहरे पे क्या क़यामत बरस रही है

तेरी मौजूदगी का.. सदा मुझे एहसास रहता है
बंद आँखों के आईने में तेरी सूरत देख लेता हूँ.

जरा अपने इस चेहरे से जरा नकाब हटा दे यारा
जरा देखें तेरे चेहरे पे क्या क़यामत बरस रही है.

जब भी तू आइने में अपना चेहरा देखती होगी
आइना अक्सर तुझे मेरा चेहरा दिखलाता होगा.

जो चेहरा मैंने अपने ख्यालो में दिल से देखा था
जब रूबरू हुए तो वह चेहरा दिल से उतर गया.

इतना बेइंतिहा प्यार इस चेहरे से न तू न कर
सारी उम्र फ़िर जिया न जाए और न मरा जाए.

***
चिठ्ठा चर्चा "समयचक्र" में

15.2.09

आज १०० पोस्टो के पश्चात १०१ वी पोस्ट माँ नर्मदे को समर्पित

आज निरन्तर ब्लॉग में १०० पोस्ट पूर्ण करने के उपरांत यह मेरी १०१ वी पोस्ट है . आप सभी का स्नेह और प्यार मुझे हमेशा लगातार प्राप्त होता रहा है जिसके कारण मै अपने ब्लॉग समयचक्र (एक हैक हो गया है या उड़ गया है) "प्रहार" और "निरन्तर" ब्लॉग में करीब 1000 के लगभग पोस्ट लिख चुका हूँ. हालाकि ढाई वर्षो के ब्लॉग लेखन के दौरान मेरे अपने ने मुझे हरसंभव हांसिये की ओर धकलेने की कोशिश की है जिसे मैंने सहर्षता के साथ स्वीकार किया है बल्कि आलोचना प्रत्यालोचना से मेरे लिखने का हौसला और बढ़ा है.

परन्तु हमेशा आपके प्यार स्नेह आशीर्वाद और हौसला अफजाई करने की वजह से मै आज ब्लॉग जगत में ब्लॉग लेखन कर रहा हूँ . मै निस्वार्थ भावः से अपनी हिन्दी मातृभाषा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ब्लॉग लेखन कर रहा हूँ और मुझे बेहद खुशी होती है कि मै अपनी भाषा के लिए एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ . आप सभी का स्नेह और प्यार निरंतर बना रहे . आज की १०१ वी पोस्ट मै जबलपुर का निवासी होने के नाते माँ नर्मदा को समर्पित कर रहा हूँ.

ॐ नर्मदे हर हर

पाठको की विशेष पसंद चिठ्ठा चर्चा "समयचक्र" में देखें