31.5.09
विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर माइक्रो पोस्ट : हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया
आज विश्व तम्बाखू निषेध दिवस है . आप इसे पी रहे है और अपने हर फ़िक्र को धुएं में उड़ा रहे है.
आप जान जाए कि आप अपनी फ़िक्र को धुएं में नहीं उड़ा रहे है वरन आप अपनी जिंदगी को धीरे धीरे अपने पास से खुद उड़ा रहे है.
सिगरेट आप पी रहे है पर आप नहीं जानते ये आपको पीकर जल्दी निपटाने का चक्कर चला रहे है.
कृपया तम्बाखू/सिगरेट का बहिष्कार करे और दीघार्यु हो .
जनहित में
29.5.09
स्वाईन फ्लू से निजात दिलाये तुलसी की पत्तियां
तुलसी का उपयोग कई बीमारियों को दूर करने के लिए सदियो से किया जा रहा है . तुलसी के बारे में कहा जाता है कि व्यक्ति यदि खाली पेट तुलसी की चार-पॉँच पत्तियों का नियमित सेवन करे तो उसे कई बीमारियो से छुटकारा मिल सकता है. वैज्ञानिको ने भी अपने अनुसंधानों में तुलसी के सेवन को लाभप्रद और उपयोगी बताया है. आयुवेदाचार्यो ने हाल में बताया है कि तुलसी स्वाईन फ्लू को दूर रखने के लिए उपयोगी और लाभप्रद है. स्वाईन फ्लू से पीड़ित आदमी तुलसी का सेवन कर शीघ्र स्वास्थ्य हो सकता है.
वैज्ञानिको ने अभी हाल में ही तुलसी में स्वाईन फ्लू विरोधी तत्व पाए है. तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक तीव्र गति से बढ़ती है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता वाइरल फीवर से निजात दिलाने में सहायक सिद्ध होती है. यदि बीस-तीस तुलसी की पत्ती का खाली पेट सेवन किया जाये तो यह स्वाईन फ्लू से बचाव किया जा सकता है.
तुलसी हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है इसीलिए उनका पूजन कर उन्हें तुलसी माता के नाम से संबोधित किया जाता है .
तुलसी के तीन प्रकार होते है. रामा श्यामा और केतुकी . रामा तुलसी की पत्तियां हरे रंग की और श्यामा तुलसी की पत्तियां काले कथ्थई रंग की होती है. श्यामा तुलसी विभिन्न प्रकार की बीमारियो से निपटने के लिए रामवाण दवा मानी जाती है.
वैज्ञानिको ने अभी हाल में ही तुलसी में स्वाईन फ्लू विरोधी तत्व पाए है. तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक तीव्र गति से बढ़ती है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता वाइरल फीवर से निजात दिलाने में सहायक सिद्ध होती है. यदि बीस-तीस तुलसी की पत्ती का खाली पेट सेवन किया जाये तो यह स्वाईन फ्लू से बचाव किया जा सकता है.
तुलसी हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है इसीलिए उनका पूजन कर उन्हें तुलसी माता के नाम से संबोधित किया जाता है .
तुलसी के तीन प्रकार होते है. रामा श्यामा और केतुकी . रामा तुलसी की पत्तियां हरे रंग की और श्यामा तुलसी की पत्तियां काले कथ्थई रंग की होती है. श्यामा तुलसी विभिन्न प्रकार की बीमारियो से निपटने के लिए रामवाण दवा मानी जाती है.
26.5.09
झील सी अपनी आँखों में डूब जाने दो मुझे
जिस्म जलता है बहुत दो पल नहाने दो मुझे
झील सी अपनी आँखों में डूब जाने दो मुझे.
हस्ती से बेजारी न थी मौत से यारी न थी
उन राहों पर चल दिए जिसकी तैयारी न थी.
फासला तो है मगर अब कोई फासला नहीं है
तुम मुझसे जुदा सही मगर दिल से जुदा नहीं.
आओ मै और तुम मिलकर चिरागेदिल जलाये
कल कैसी हवा चले यह कोई जानता ही नहीं
झील सी अपनी आँखों में डूब जाने दो मुझे.
हस्ती से बेजारी न थी मौत से यारी न थी
उन राहों पर चल दिए जिसकी तैयारी न थी.
फासला तो है मगर अब कोई फासला नहीं है
तुम मुझसे जुदा सही मगर दिल से जुदा नहीं.
आओ मै और तुम मिलकर चिरागेदिल जलाये
कल कैसी हवा चले यह कोई जानता ही नहीं
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