आज निरन्तर ब्लॉग में १०० पोस्ट पूर्ण करने के उपरांत यह मेरी १०१ वी पोस्ट है . आप सभी का स्नेह और प्यार मुझे हमेशा लगातार प्राप्त होता रहा है जिसके कारण मै अपने ब्लॉग समयचक्र (एक हैक हो गया है या उड़ गया है) "प्रहार" और "निरन्तर" ब्लॉग में करीब 1000 के लगभग पोस्ट लिख चुका हूँ. हालाकि ढाई वर्षो के ब्लॉग लेखन के दौरान मेरे अपने ने मुझे हरसंभव हांसिये की ओर धकलेने की कोशिश की है जिसे मैंने सहर्षता के साथ स्वीकार किया है बल्कि आलोचना प्रत्यालोचना से मेरे लिखने का हौसला और बढ़ा है.
परन्तु हमेशा आपके प्यार स्नेह आशीर्वाद और हौसला अफजाई करने की वजह से मै आज ब्लॉग जगत में ब्लॉग लेखन कर रहा हूँ . मै निस्वार्थ भावः से अपनी हिन्दी मातृभाषा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ब्लॉग लेखन कर रहा हूँ और मुझे बेहद खुशी होती है कि मै अपनी भाषा के लिए एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ . आप सभी का स्नेह और प्यार निरंतर बना रहे . आज की १०१ वी पोस्ट मै जबलपुर का निवासी होने के नाते माँ नर्मदा को समर्पित कर रहा हूँ.
ॐ नर्मदे हर हर
पाठको की विशेष पसंद चिठ्ठा चर्चा "समयचक्र" में देखें
14 टिप्पणियां:
bahut saari badhaaee
महेंद्र भाई
संस्कार धानी के सपूत होने के नाते मेरी
आपको इस उपलब्धि पर अशेष शुभ कामनाएं
- विजय
Shatk ke shubh kamnaen
महेन्द्र जी बहुत बहुत शुभकानाऎ,
धन्यवाद
ईश्वर करे कि आप जल्द ही १००१वी चिट्ठी लिखें।
बधाई!
बधाई !
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं !
बहुत बहुत बधाई हमारी भी शुभकामनाऍं
आपको बधाई और
निरंतर सृजन की मंगल कामनाएँ
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
बधाई!
जय नर्मदे माई!
बधाई एवं शुभकामनाऐं.
बहुत बहुत बधाईयाँ. नर्मदा मैय्या तो चहुँ और है आपके लिए. लेकिन सबसे पवित्र जगह होगी तेवर में.
ॐ नर्मदे हर हर
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