31.7.09

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो
इस मौसम में तड़फते दिल को और न तड़फाओ.

मेरा राजी-ख़ुशी का पैगाम उनके पास पहुंचा देना
कहना उसे भूला नही हूँ और मुझे भुला न देना.

मेरे इस दिल को ख़ूबसूरत याद जब आती है तेरी
चंद अश्क निकल पड़ते है तब इन आँखों से मेरी.

12 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

वाह बहुत खूबसूरत रचना.

रामराम.

ओम आर्य ने कहा…

ye bahare gahe bagahe yad to dila hi jati hai....kya kare..........behatrin

Mithilesh dubey ने कहा…

मेरा राजी-ख़ुशी का पैगाम उनके पास पहुंचा देना
कहना उसे भूला नही हूँ और मुझे भुला न देना

इसके लिए तो बस लाजवाब।

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो
इस मौसम में तड़फते दिल को और न तड़फाओ.
वाह बहुत खूबसूरत.

Himanshu Pandey ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत गजल । कुछ और शेर होने चाहिये थे । आभार ।

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सही, मिश्र जी..तबीयत गड़बड़ है अतः देर से आया..क्षमा करना!!

आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' ने कहा…

अच्छी बात हैं -"मेरे इस दिल को ख़ूबसूरत याद जब आती है तेरी
चंद अश्क निकल पड़ते है तब इन आँखों से मेरी ".......................

Shiv ने कहा…

मेरे इस दिल को ख़ूबसूरत याद जब आती है तेरी
चंद अश्क निकल पड़ते है तब इन आँखों से मेरी.

बहुत सुन्दर रचना. बधाई.

दिनेश शर्मा ने कहा…

मेरे इस दिल को ख़ूबसूरत याद जब आती है तेरी
चंद अश्क निकल पड़ते है तब इन आँखों से मेरी.

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

badiya kya kavita hai..
bahut sundar..badhayi..

hem pandey ने कहा…

'मेरा राजी-ख़ुशी का पैगाम उनके पास पहुंचा देना
कहना उसे भूला नही हूँ और मुझे भुला न देना.'

- सुन्दर
.

विवेक सिंह ने कहा…

बहुत खूबसूरत रचना .