पत्थर रख कर जब सीने पर ख़त प्यार का आखिरी लिखा
बिखर गए जब सारे सपने जब उन्हें आखरी सलाम लिखा.
हर ख़ुशी तुझको देकर वे तेरी इस दुनिया को छोड़ देंगे
एक हम है जाते जाते तुझे आखिरी चिठ्ठी छोड़ जायेंगे.
वफ़ा या बेवफाई तूने की है इससे मुझे कोई शिकवा नहीं
मैंने तो बस तुझे चिठ्ठी लिखी थी और कुछ तो कहा नहीं.
अगर मोहब्बत सच्ची हो तो चाहत ही मोहब्बत होती है
ऊपर वाला साथ देगा दिल से अगर मोहब्बत सच्ची हो
बिखर गए जब सारे सपने जब उन्हें आखरी सलाम लिखा.
हर ख़ुशी तुझको देकर वे तेरी इस दुनिया को छोड़ देंगे
एक हम है जाते जाते तुझे आखिरी चिठ्ठी छोड़ जायेंगे.
वफ़ा या बेवफाई तूने की है इससे मुझे कोई शिकवा नहीं
मैंने तो बस तुझे चिठ्ठी लिखी थी और कुछ तो कहा नहीं.
अगर मोहब्बत सच्ची हो तो चाहत ही मोहब्बत होती है
ऊपर वाला साथ देगा दिल से अगर मोहब्बत सच्ची हो
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8 टिप्पणियां:
वफ़ा या बेवफाई तूने की है इससे मुझे कोई शिकवा नहीं
मैंने तो बस तुझे चिठ्ठी लिखी थी और कुछ तो कहा नहीं.
wah ! yeh lines ne dil khush kar diya....
bahut achcha likha hai aapne...
आपके व्यक्तित्व में चश्मा बहुत ही प्रभावी है मिश्र जी।
अगर मोहब्बत सच्ची हो तो चाहत ही मोहब्बत होती है
ऊपर वाला साथ देगा दिल से अगर मोहब्बत सच्ची हो
sach hai....
लिखते हैं आप जोरदार भी कभी कभी -कोई जरूरी नही हों असरकार सभी
हर ख़ुशी तुझको देकर वे तेरी इस दुनिया को छोड़ देंगे
एक हम है जाते जाते तुझे आखिरी चिठ्ठी छोड़ जायेंगे.
बहुत बढीया महेन्द्र जी राम-राम
पत्थर रख कर जब सीने पर ख़त प्यार का आखिरी लिखा
बिखर गए जब सारे सपने जब उन्हें आखरी सलाम लिखा.
बहुत सुंदर लिखा,
धन्यवाद
महेन्द्र जी,
बहुत सुन्दर रचना।पढ़ कर अच्छा लगा।
हेमन्त कुमार
Ek se bhadkar ek badhiya PUNCH !!
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