दिल का हाल मै लिखता हूँ हो सके तो यकीन कर लो
मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो.
दिल की हर धड़कन को मै कैसे इस ख़त में लिखता हूँ
इस बैचैन दिल की धड़कनें शब्दों में कैसे लिख सकता हूँ.
तूने दिल से मुझे ख़त लिखा..मैंने कब इनकार किया है
तेरा ख़त पढ़ा है तुझे सीने से लगाने को दिल चाहता है.
महेंद्र मिश्र ...
11 टिप्पणियां:
वाह गुरु जी, आज बढिया मूड में है,अच्छी रचना.
वाह वाह जी क्या बात है..
gajab
मै लिखता हूँ हो सके तो यकीन कर लो
मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो
aashik ab aapke in sheron ko use karenge karne do achche hain janab
फिर भी लोग आपको बीबीए में स्थान दे रहे हैं :)
बहुत खूब...प्रेम की बढ़िया अभिव्यक्ति....धन्यवाद महेंद्र जी
दिल से.....
ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .
वाह वाह जी क्या बात है..
kya baat hai. wah
वाह बड़े भैया.
क्या बात है >>>>>
- विजय तिवारी
मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो.
एक पंक्ति ने सब कुछ कह डाला। अब कुछ कहने की जरूरत न रही।
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