20.3.10

दिल की हर धड़कन को मै कैसे इस ख़त में लिखता हूँ

दिल का हाल मै लिखता हूँ हो सके तो यकीन कर लो
मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो.
दिल की हर धड़कन को मै कैसे इस ख़त में लिखता हूँ
इस बैचैन दिल की धड़कनें शब्दों में कैसे लिख सकता हूँ.
तूने दिल से मुझे ख़त लिखा..मैंने कब इनकार किया है
तेरा ख़त पढ़ा है तुझे सीने से लगाने को दिल चाहता है.

महेंद्र मिश्र ...

11 टिप्‍पणियां:

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

वाह गुरु जी, आज बढिया मूड में है,अच्छी रचना.

राज भाटिय़ा ने कहा…

वाह वाह जी क्या बात है..

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

gajab

मै लिखता हूँ हो सके तो यकीन कर लो
मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो
aashik ab aapke in sheron ko use karenge karne do achche hain janab

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

फिर भी लोग आपको बीबीए में स्थान दे रहे हैं :)

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

बहुत खूब...प्रेम की बढ़िया अभिव्यक्ति....धन्यवाद महेंद्र जी

कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा…

दिल से.....

संजय भास्‍कर ने कहा…

ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .

संजय भास्‍कर ने कहा…

वाह वाह जी क्या बात है..

Mayur Malhar ने कहा…

kya baat hai. wah

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

वाह बड़े भैया.
क्या बात है >>>>>
- विजय तिवारी

Kulwant Happy ने कहा…

मै तुझे तेरे ख़त लौटाता हूँ अगर हो सके तो दिल दे दो.

एक पंक्ति ने सब कुछ कह डाला। अब कुछ कहने की जरूरत न रही।