14.12.09

मेरी इन आँखों में बसे सारे ख्बाब तुम ले जाओ


मेरी इन आँखों में बसे सारे ख्बाब तुम ले जाओ
दिल में धड़कते सभी अरमां आकर तुम ले जाओ.
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मेरी दुनिया में तुमको लौट कर आना ही नहीं है
सारे ख़त लौटा दो आकर अपने जबाब ले जाओ.
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आखिर भरी दुनिया में दिल को बहलाने कहाँ जाये
उनसे मोहब्बत हो गई चाहने वाले दीवाने कहाँ जाए.
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7 टिप्‍पणियां:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

खूबसूरत शब्दों के साथ .....सुंदर रचना..........

Himanshu Pandey ने कहा…

बेहद खूबसूरत रचना । आभार ।

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया.

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

निर्मला कपिला ने कहा…

मेरी दुनिया में तुमको लौट कर आना ही नहीं है
सारे ख़त लौटा दो आकर अपने जबाब ले जाओ.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें

vandana gupta ने कहा…

bahut sundar .

शरद कोकास ने कहा…

खूबसूरत कता कही है आपने ।