तेरी यादों, उजाले के सहारे संग संग चल हैं प्यारे
गिरकर संभलते हुए लम्हें लम्हें गुजार रहा हूँ प्यारे.
तेरा नाम भी मतलब की दुनिया में शामिल है प्यारे
कभी नाम पा रहा था, तेरे कारण बदनाम है प्यारे.
गिरकर संभलते हुए लम्हें लम्हें गुजार रहा हूँ प्यारे.
तेरा नाम भी मतलब की दुनिया में शामिल है प्यारे
कभी नाम पा रहा था, तेरे कारण बदनाम है प्यारे.
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13 टिप्पणियां:
आपको इस विधा मे बहुत कम देखने को मिलता है, जब भी मिला हूँ कुछ नया ही पाया हूँ।
बहुत खुब मिश्रा जी....बढ़िया रचना...धन्यवाद
बहुत बढ़िया.
बढ़िया रहा यह मुक्तक!
waah...
ऊर्जा बिन बँधे ही प्रवाहित है ।
प्रवीण जी से सहमत
सादर वन्दे !
क्या खूब कही !
रत्नेश त्रिपाठी
बहुत खुब मिश्रा जी....बढ़िया रचना
बहुत सुंदर मिश्रा जी.
धन्यवाद
sundar rachna.
वाह गुरुवर.
बहुत ही बढ़िया लगा!
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