31.7.09

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो

उनकी याद तुम मुझे न दिलाओ ऐ मस्त बहारो
इस मौसम में तड़फते दिल को और न तड़फाओ.

मेरा राजी-ख़ुशी का पैगाम उनके पास पहुंचा देना
कहना उसे भूला नही हूँ और मुझे भुला न देना.

मेरे इस दिल को ख़ूबसूरत याद जब आती है तेरी
चंद अश्क निकल पड़ते है तब इन आँखों से मेरी.

29.7.09

जोग - जरा मुस्कुरा दें

चार शराबी दिल्ली पहुंचे वहां पर उन्होंने खूब छककर शराब पी और फिर उसके बाद शहर घूमने निकले . वहां उनकी नजर एक मंदिर पर पड़ी. उनमे से एक शराबी बोला - देखो यहाँ के लोग कितने मूर्ख है जिन्होंने मंदिर को धूप में रखा है. भगवान के घर की भी यहाँ के लोगो को परवाह नहीं है.
बाकी शराबियो ने कहा - गोली मरो यहाँ के लोगो को चलो हम सब मिलकर मंदिर को धकेलकर छाँव में ले चलते है. सब के सब बजरंग बली का नारा लगाते हुए जोर जोर से मंदिर को धकेलकर ठेलने लगे.
जब शाम हो गई तो चारो शराबियो ने अपनी अपनी पीठ ठोक ली और कहने लगे देखो हमने मंदिर को धकेलकर मंदिर को छाँव में कर ही दिया है.
कुछ लोग शराबियो की हरकतों को देख रहे थे उनमे से एक ने पूछा - आप सब लोग यह सब क्या कर रहे है.
एक शराबी ने कहा - " शर्म नहीं आती पूछते हुए की भगवान के घर को कोई इस तरह से घूप में रखते है ".
उत्तर में उस आदमी ने कहा देखते है तुम लोग कितने दिनों तक मंदिर को धूप से कैसे बचाकर रखते हो.
एक शराबी बोला - " हम तुम्हारे बाप के नौकर है जो रोज रोज मंदिर को छाँव में ले जाते फिरे.
....

एक लड़का भागकर गश्त करने वाले पुलिस वाले के पास पहुँचा और बोला - जरा उस कोने में चलिए मेरे पिताजी दो घंटे से एक बदमाश से लड़ रहे है.
पुलिसवाला - तुमने पहले खब़र क्यों नहीं दी ?
लड़का - उस समय मेरे पिताजी उस बदमाश को पीट रहे थे.
....

रामप्यारी ने अपने अध्यापक से कहा - "यह कहना गलत है की दो और दो मिलकर चार होते है. मिसाल के तौर पर दो पानी की बूंदों में दो पानी की बूंदे मिलाकर देखिये की चार बूंदे होती है की नहीं.
....

ताऊ रामप्यारी से - मानलो तुम्हारे जेब में तीन पाई है और एक पाई जेब में और डाल दी जाए तो क्या होगा ?
रामप्यारी - मेरी जेब फट जायेगी
ताऊ - वह कैसे ?
रामप्यारी - गजब कर रहे हो मेरी जेब इतनी छोटी है की उसमे चारपाई कैसे आ सकती है.

27.7.09

फिर से अपने गाँवो को स्वर्ग बनायेंगे

फिर से अपने गाँवो को स्वर्ग बनायेंगे
अपने अन्दर सोये देवत्व को जगायेंगे.

गाँवो की गलियां क्यों गन्दी रहने देंगे
गंदगी नरक जैसी अब क्यों रहने देंगे.

सहयोग,श्रम से हम यह नरक हटायेंगे
रहने देंगे बाकी हम मन का मैल नहीं.

अब भेदभाव का हम खेलेंगे खेल नहीं
सब भाई भाई है सब मिलकर गायेंगे.

देवो जैसा होगा चिंतन व्यवहार चलन
फिर तो सबके सुख दुःख बाँट जायेंगे.

शोषण-उत्पीडन फिर नाम नहीं होगा
फिर पीड़ा -पतन का नाम नहीं होगा
सोने की चिडिया हम फिर कहलायेंगे.

साभार-युग निर्माण हरिद्वार से.

24.7.09

टंकी पे चढी : इस टंकी में है बड़े बड़े गुण ... दुनिया रंग रंगीली


कभी शोले फिल्म देखी थी जिसमे वीरू बसंती को पटाने मनाने के लिए टंकी पर चढ़ जाता है और उसे टंकी से उतरने के लिए बसंती हाँ कर देती है और इस फिल्म की तर्ज पर आज एक समाचार पत्र में पढ़ा की एक प्रेमिका अपने शादीशुदा प्रेमी को मनाने के लिए जाकर टंकी पर चढ़ गई और टंकी पे चढ़कर जोर जोर से अपने प्रेमी का नाम पुकारने लगी . मजमा जमा हो गया .

शादीशुदा प्रेमी मर्द अपनी पत्नी बच्चो के साथ टंकी के पास आया और उनकी उपस्थिति में वह अपनी प्रेमिका के पास खुद टंकी पर चढ़कर गया और सबकी उपस्थिति में टंकी पर ही उसने अपनी प्रेमिका की मांग भरी और उसे टंकी पर से उतार कर मरने से बचा दिया . चूंकि टंकी पर चढ़ने वाली बालिग हो गई थी इसीलिए पुलिस ने शादी के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि उस शादीशुदा मर्द उर्फ़ आज का वीरू को १५१ की धारा के तहत हवालात की राह जरुर दिखा दी .

यह लगता है कि टंकी पर अपनी मांग को लेकर चढ़ जाओ भाई लोग मना कर टंकी से उतार ही लेंगे. आगे आने वाला समय बताएगा कि टंकी पर चढ़ने उतरने के धंधे से क्या क्या ..... है. अपनी बात मनमाने के लिए समय बदलने के साथ लोगो के विचार और तरीके बदल गए है .और आज के समय में ये सब तरीके हास्यापद लगते है और लोगो के मनोरंजन का कारण बन जाते है .

22.7.09

एक हितोपदेश कहानी " आपस में कभी बैर न करो ?

सुन्द और उपसुन्द नाम के दो महाबली राक्षस थे उन्हें अपनी शक्ति पर बड़ा घमंड था . वे तीनो लोको का राजा बनना चाहते थे इसीलिए उन्होंने भगवान शंकर की घोर तपस्या की . भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो गए और उन्होंने राक्षसों से वर मांगने को कहा . राक्षसों ने भगवान शंकर की पत्नी को वर में मांग लिया . भगवान यह सुनकर आगबबूला हो गए फिर भी वचनवद्ध थे . वचन के अनुसार उन्हें वर देना ही था तो उन्होंने अपनी सुन्दर पार्वती राक्षसों को दे दी .

सुन्दर पार्वती को पाकर उन राक्षसों की बुद्धि मारी गई और वे पार्वती को लेकर आपस में झगड़ पड़े. राक्षसों को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से भगवान शंकर ने एक ब्रामण का रूप रख लिया और उनके पास पहुँच गए . राक्षसों ने भगवान शंकर को अपना बिचोलिया बना लिया. दोनों भाई अपने तप और बल की श्रेष्ठता को लेकर उतावले थे .

ब्रामण ने समझाया तुम लोग आपस में द्वंद युद्ध कर लो जो बलवान होगा पता लग जावेगा . दोनों राक्षसों ने गदा उठा ली और आपस में भिड गए और आपस में लड़ भिड़कर मारे गए . भगवान भोलेनाथ ने अपना रूप प्रगट किया तो पार्वती जी खुश हो गई . शंकर जी ने पार्वती जी की और देखा तो पार्वती जी ने मुंह फेर लिया . शंकर जी ने पार्वती जी से कहा की गलती मेरी थी जो मैंने उन्हें बिना सोचे समझे वर दे दिया .

शिक्षा इस कहानी से यह मिलती है की हमें आपस में कलह नहीं करना चाहिए.और उड़नतश्तरी जी की टीप के अनुसार यह शिक्षा मिलती है वगैर सोचे समझे हमें वर नहीं देना चाहिए.

19.7.09

चुटकुले जो आपको शायद हँसा दें

ताऊ - दुनिया का आकार कैसा है .....?
रामप्यारी चुप रही
ताऊ ने रामप्यारी की स्मृति को उभारने के विचार से खुद ही पूछा "गोल"
रामप्यारी बोल पड़ी ..... नहीं
ताऊ - तो क्या चपटी है ....?
रामप्यारी ने फिर से कहा - नहीं
ताऊ - " न गोल है और न चपटी है तो आखिर ये पृथ्वी कैसी है......?
रामप्यारी ने सरलतापूर्वक कहा - महाताऊ बाबा कहते है की दुनिया टेढ़ी है .

000000

रामप्यारी - मै भी तालाब में कूद कर तैरने लगूँ
रामप्यारी की मम्मी - नहीं तुम डूब जाओगी
रामप्यारी - लेकिन महाताऊ तो तैर रहे है
ताऊ - अरी तू जानती नहीं है इनका बीमा हो चुका है .

000000

18.7.09

तेरे प्यार ने हमें ये खुशनसीब जिंदगी दी है

तेरे प्यार ने हमें ये खुशनसीब जिंदगी दी है
फूलो ने चमन में बहारो की सी खुशबू दी है.
ooooooo
कई चमकते हुश्न चाँद की तरह हमने देखे है
कई दिल इश्क में तड़फते इस दिल ने देखे है.
oooooo
अपनी आँखों का नूर महबूब को बता देते है
आँखों ने आशिको को बेनूर तड़फते देखा है.
ooooooo

16.7.09

बरसाती जोग जरा मुस्कुरा लें जनाब

एक आदमी की अर्थी को कुछ लोग एम्बुलेंस में ले जा रहे थे . अर्थी को मोटर चलाकर नहीं ले जाया जा रहा था बल्कि मोटरगाडी को बंद कर धक्का लगाकर धकेल कर ले जा रहे थे . चलते राहगीरों को देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ . उन्होंने ने पूछा आखिर आप अर्थी को गाडी में धक्का लगाकर क्यों ले रहे हो ?
अर्थी में शामिल एक जन ने मरने वाले की अंतिम इच्छा के बारे में बताया की मरने वाले की अंतिम इच्छा थी की "हर हाल में पेट्रोल की बचत हो" .
......
ताऊ - यह छाता तुम्हे कहाँ से मिला ?
रामप्यारी - मेरी बहिन ने उपहार में दिया है .
ताऊ - लेकिन तुम कहती थी की तुम्हारी कोई बहिन नहीं है .
रामप्यारी - वह तो ठीक है पर छाते पर लिखा है " बहिन को प्रेम स्वरुप "
.......

एक फ़कीर भीख मांगना छोड़कर पुलिस में भरती हेतु पुलिस हेड क्वाटर गया . उसका सीना नापा गया और उससे दौड़ लगवाई गई वह पूरी तरह से परीक्षा में सफल रहा . मौखिक इंटर व्यू में एक पुलिस अधिकारी ने भिखारी से पूछा - अब यह बताओ की अगर कहीं लोग मंदिर में इकठ्ठे हो जाए तो उन्हें चितर - बितर करने के लिए तुम क्या करोगे ?
भिखारी - मै एकदम मंदिर के सामने चादर लेकर लोगो से चंदा मांगना शुरू कर दूंगा .
........

13.7.09

वादाखिलाफी की हद अगर ... दिल में है

वादाखिलाफी की हद अगर .... दिल में है
अपने दिल में.. हिसाब तुम लगा कर देखो.
oooooooo
रफ्ता रफ्ता....क़यामत के दिन आ गए है
बदलते बदलते...मुलाकात के दिन आये है

3.7.09

हमें जलते सूरज को देख कर उनका गुरुर याद आता है.



हमें गुलो के आलम को देखकर वो महबूब याद आता है
हमें जलते सूरज को देख कर उनका गुरुर याद आता है


मुझ से शिकवा न कर जुदा होने की हसरत तूने की थी
मुझ पर इल्जाम न लगा मेरी वफ़ा से शिकायत तुझे थी.


जब तेरे दिल में किसी के लिए कोई वफ़ा का नाम नहीं है
इस दिल को ठुकरा कर तू वफ़ा पाने की उम्मीद न कर


वो नशा जो इस जाम में नहीं है वो नशा तेरी सूरत में है
जो प्यार मेरे इस दिल में है वो प्यार सारे जहाँ में नहीं है